मधुबनी के फार्म में हुई कोयले की धांधली, बिना बिक्री के ही 73 करोड़ की सप्लाइ दिखा की गयी टैक्स चोरी
विभाग की इंटेलिजेंस विंग के स्तर से जांच के दौरान व्यापक स्तर पर यह धांधली पकड़ी गयी और मधुबनी के इस फर्म का निरीक्षण विभाग की टीम ने किया. इस दौरान फर्म में किसी तरह की गतिविधि नहीं पायी गयी. साथ ही यह फर्म भी बोगस ही पाया गया.
पटना. वाणिज्य कर विभाग ने एक कागजी फर्म के स्तर से कोयला का करोड़ों का व्यापार करके लाखों की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है. मधुबनी के फर्म ने कोयला की कोई बिक्री नहीं होने के बावजूद कागज पर 73 करोड़ रुपये की बाहर सप्लाइ दिखायी, लेकिन टैक्स के रूप में एक रुपये का भुगतान विभाग को नहीं किया. विभाग की इंटेलिजेंस विंग के स्तर से जांच के दौरान व्यापक स्तर पर यह धांधली पकड़ी गयी और मधुबनी के इस फर्म का निरीक्षण विभाग की टीम ने किया. इस दौरान फर्म में किसी तरह की गतिविधि नहीं पायी गयी. साथ ही यह फर्म भी बोगस ही पाया गया.
टैक्स चोरी का मामला
जिस महिला के नाम पर यह फर्म चल रहा था. वह एक ग्रामीण महिला है और उसे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में यह जांच का विषय है कि इस फर्म को वास्तविक रूप से ऑपरेट करने वाले कौन लोग हैं. विभाग के स्तर पर इस मामले की जांच चल रही है. जांच में यह बात सामने आयी कि वाउचर और टैक्स रिटर्न की समीक्षा करने पर यह पाया गया कि इस फर्म ने बिना खरीद के मासिक विवरणी में करीब 73 करोड़ की सप्लाइ बाहर या दूसरे स्थानों पर दिखा दी है, लेकिन इसके एवज में टैक्स का भुगतान शून्य किया है.
सिंडिकेट में शामिल फर्म की हो रही जांच
इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से भुगतान किया गया है, लेकिन इनके पास भुगतान से संबंधित कोई कागजात उपलब्ध नहीं है. यह फर्जी फर्म एक ऐसा फर्म है, जो किसी दूसरे के लिए काम करता है और सामान की सप्लाइ दूसरे के लिए करता है. यह पूरा नेक्सस टैक्स की चोरी करने के लिए तैयार किया गया है. जांच में 19 फर्म का कनेक्शन इससे पाया गया है, जिनमें बिहार के दो, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल के एक-एक फर्म शामिल हैं. इस इनपुट के आधार पर वाणिज्य कर विभाग ने झारखंड में मिले संबंधित फर्म की जांच की, तो पाया कि यहां के 14 में चार फर्म का निबंधन रद्द है.
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सिंडिकेट में शामिल फर्म की चल रही जांच
अन्य 10 फर्म का निबंधन हाल ही में लिया गया है. ये सभी फर्म आपस में सामान की खरीद-बिक्री करते हैं, जो सर्कुलर ट्रेडिंग का मामला है. झारखंड और बिहार से जुड़े इस फर्जी ट्रेल में 1075 तथा बिहार के बाहर के 1031 फर्म शामिल हैं. इसमें एक रक्सौल स्थित फर्म को भी एक्सपोर्ट दिखाया गया है, जिसकी भी जांच चल रही है. इस मामले में विभाग की आयुक्त डॉ प्रतिमा ने बताया कि इस सिंडिकेट में शामिल फर्म की जांच चल रही है. जल्द ही सभी टैक्स चोरी से जुड़े तमाम व्यापारियों के बारे में जानकारी सामने आ जायेगी.