पंजाब के कॉलेज पर बिहारी स्टूडेंट्स को परेशान करने का आरोप, छात्रों ने कहा- एग्जाम देने से रोका जाता है
एनएसयूआइ के प्रदेश महासचिव आदित्य राज ने बताया कि हमने प्राचार्य से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि बिना पैसे के कोई बात नहीं होगी. डीआरसीसी से मुझे कोई मतलब नहीं है.
पटना. पंजाब के बाबा बंदा सिंह बहादुर इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले बिहारी स्टूडेंट्स परेशान हैं. इस कॉलेज में बिहारी छात्रों के हॉस्टल में हमले के बाद कॉलेज प्रशासन अधिक रकम जुर्माना के तौर पर लगा रही है. इससे छात्र परेशान हैं. छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज प्रशासन अलग-अलग तरीके से परेशान कर रहा है.
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम से रोका जा रहा
छात्रों का आरोप है कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम से रोका जा रहा है. फीस समय पर नहीं मिलने के कारण टॉर्चर किया जा रहा है और परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा रही है. नाम न बताने की शर्त पर कई छात्रों ने कहा कि प्राचार्य द्वारा हर छोटी बात पर जुर्माना लगाया जाता और बिहारी छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है.
बिना फीस के कोई बात नहीं
इस बात की जानकारी देते हुए बिहार एनएसयूआइ के प्रदेश महासचिव आदित्य राज ने बताया कि हमने प्राचार्य से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि बिना पैसे के कोई बात नहीं होगी. डीआरसीसी से मुझे कोई मतलब नहीं है. आदित्य ने बताया कि दो साल कोरोना काल में बिहार सरकार द्वारा हॉस्टल और मेस का पेमेंट किया गया, लेकिन इस बात का जिक्र प्राचार्य महोदय कभी नहीं करते थे. छात्रों ने मांग की कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट योजना के अंतर्गत बाबा बंदा सिंह बहादुर कॉलेज को हटा देना चाहिए और बिहार सरकार को उच्च स्तरीय जांच बैठाकर बिहारी छात्रों की मदद करनी चाहिए.
आरोपों को बताया गलत
इधर बहादुर इंजीनियरिंग कॉलेज के डीन एकेडमी डॉ लखविंदर सिंह कहा है कि स्टूडेंट्स का आरोप गलत है. बिहार के स्टूडेंट्स को परेशान नहीं किया जा रहा है. अनुशासनहीनता में ही जुर्माना का प्रावधान है. स्टूडेंट्स गलत मैसेज फैला रहे हैं.