खगौल से बड़ी खबर सामने आ रही है. बुधवार को जगत नारायण लाल महाविद्यालय में स्नातक में नामांकन को लेकर ट्रांसजेंडर छात्राओं ने हंगामा करते हुए गेट में तालाबंदी कर दी. ट्रांसजेंडर छात्राओं ने कॉलेज की प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए कहा स्नातक में नामांकन के लिए पिछले कई दिनों प्राचार्य द्वारा टालमोटल किया जा रहा है. प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर के एडमिशन के लिए कॉलेज में कोई प्रावधान नहीं है. जिला पदाधिकारी पटना द्वारा निर्गत ट्रांसजेंडर पहचान पत्र को मानने से इन्कार कर दिया.
वहीं ट्रांसजेंडर छात्राएं राइट टू एजुकेशन का हवाला देते हुए अपनी मांगों पर अड़ी रहीं. इस संबंध में गरिमा गृह की संचालक रेशमा प्रशंड ने बताया कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय व बिहार के अन्य विश्वविद्यालय ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन राइट एक्ट 2019 एवं रूल्स 20 का अनुपालन नहीं कर रहे हैं. यह बहुत ही निंदनीय है. कॉलेज प्रशासन भी इस पर नकारात्मक तरीके से पेश आ रहा है. ट्रांसजेंडर समुदाय जब सांस्कृतिक पहचान के अनुसार बधाई की मांग करते हैं, तो उन्हें कहा जाता है कि नहीं शिक्षा दी जाये.
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शिक्षा किस तरीके से दी जा रही है. इसे देखा जा सकता है. यह समाज का असली चेहरा है जो सामने है. इसीलिए लोग रास्ते पर भीख मांगने को मजबूर हैं. इस संबंध में कॉलेज प्राचार्य मधु प्रभा सिंह ने बताया कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं. बेवजह कॉलेज का माहौल खराब किया गया. उन्होंने बताया कि पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय पोर्टल के आवेदन में जेनरल कटेगरी और कॉलेज में ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में बीसी कटेगरी भरा गया है. उनका उस विषय के लिए प्रतिशत कम है. जिसकी वजह से एडमिशन नहीं हो सकता है.