बिहार : कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अरविंद पनगढ़िया बने नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर

डॉ पनगढ़िया अमेरिका के कोलंबिया विवि में अर्थशास्त्र के प्रो और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में भारतीय आर्थिक नीतियों पर दीपक और नीरा राज केंद्र के निदेशक भी हैं. इन्हें विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय का कुलाधिपति बनाया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2023 11:46 PM
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पटना. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और पद्मभूषण से सम्मानित कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अरविंद पनगढ़िया को नालंदा विश्वविद्यालय का कुलाधिपति बनाया गया है. 28 अप्रैल को विदेश मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रोफेसर अरविंद पनगढ़िया को नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में नियुक्ति किया गया. इस सूचना के मिलने के बाद से यूनिवर्सिटी के कर्मियों में खुशी की लहर है. नालंदा विवि भारतीय संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित राष्ट्रीय महत्व का एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है, जो विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत है. इस विवि में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के 17 देश सहभागी सदस्य हैं.

कुलपति प्रो सुनैना सिंह ने व्यक्त की प्रसन्नता 

राष्ट्रपति द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष प्रोफेसर पनगढ़िया को नियुक्त किये जाने पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुनैना सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त की और प्रोफेसर पनगढ़िया को शुभकामनाएं दी हैं. वहीं, कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह ने राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के प्रति अपना आभार व्यक्त किया. नये कुलाधिपति की नियुक्ति का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एक युवा विश्वविद्यालय है जो आने वाले समय में डॉ पनगढ़िया की असाधारण विद्वता और उत्कृष्ट अकादमिक अनुभव से निश्चित ही लाभान्वित होगा.

अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ है पनगढ़िया

प्रो पनगढ़िया को भारतीय अर्थव्यवस्था के अग्रणी विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है. वह एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं. वर्तमान में डॉ पनगढ़िया अमेरिका के कोलंबिया विवि में अर्थशास्त्र के प्रो और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में भारतीय आर्थिक नीतियों पर दीपक और नीरा राज केंद्र के निदेशक भी हैं.

कई विश्वस्तरीय संस्थानों में किया काम 

प्रो पनगढ़िया ने मैरीलैंड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में भी पढ़ाया है और विश्व बैंक, आइएमएफ और यूएनसीटीएडी जैसे विश्वस्तरीय संस्थानों साथ विभिन्न पदों पर काम किया है. एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में भारत को गौरवान्वित करने वाले डॉ पनगढ़िया, अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के सदस्य रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों पर अनुसंधान के लिए इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ओं इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन (आइसीआरआइइआर) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है.

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2012 में मिला पद्मभूषण

मार्च 2012 में भारत सरकार द्वारा डॉ पनगढ़िया को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था, जो किसी भी क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. प्रोफेसर पनगढ़िया नालंदा विश्वविद्यालय के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं.

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