दरभंगा हाउस में शिफ्ट होगा वाणिज्य कॉलेज, पीजी की पढ़ाई के लिए पटना विवि बनायेगा नया भवन
पटना विश्वविद्यालय में साइंस ब्लॉक का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसके लिए जगह चिह्नित कर ली गयी है. यह भवन सायंस कॉलेज में ही पुराने टीचर्स क्वार्टर को तोड़ कर बनाया जायेगा. नये भवन में साइंस संकाय के सभी सात पीजी विभाग शिफ्ट होंगे.
पटना. पटना विश्वविद्यालय में साइंस ब्लॉक का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसके लिए जगह चिह्नित कर ली गयी है. यह भवन सायंस कॉलेज में ही पुराने टीचर्स क्वार्टर को तोड़ कर बनाया जायेगा. नये भवन में साइंस संकाय के सभी सात पीजी विभाग शिफ्ट होंगे.
हर विभाग के लिए एक फ्लोर
यह बहुमंजिला भवन होगा. इसमें हर विभाग के लिए एक फ्लोर दिया जायेगा. साथ ही ऑडिटोरियम, कॉमन रूम, लाइब्रेी, स्टाफ रूम समेत एकेडमिक गतिविधियों से जुड़ी हर चीज के लिए कमरे होंगे. फिलहाल आर्ट्स व सामाजिक विज्ञान के सभी पीजी विभाग दरभंगा हाउस में चल रहे हैं. वहीं, साइंस संकाय के सभी पीजी विभाग सायंस कॉलेज में ही यूजी विभागों के साथ चल रहे हैं.
दरभंगा हाउस में नहीं होगी पीजी की पढ़ाई
पटना विवि में 149 करोड़ से नये प्रशासनिक भवन व आर्ट्स ब्लॉक के एकेडमिक भवन के निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है. पटना कॉलेज के न्यू हॉस्टल के पास यह भवन बनेगा. इसकी पहली किस्त करीब 10 करोड़ रुपये जारी भी हो चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका शिलान्यास करने वाले हैं. न्यू हॉस्टल को तोड़ा जाना है. यहां प्रशासनिक भवन बनते ही दरभंगा हाउस में सामाजिक विज्ञान व कला संकाय के सभी पीजी विभाग उस भवन में शिफ्ट हो जायेंगे.
दरभंगा हाउस में चलेगा वाणिज्य कॉलेज
इसके बाद दरभंगा हाउस के खाली होते ही वहां फिलहाल वाणिज्य कॉलेज को शिफ्ट कर दिया जायेगा. वाणिज्य कॉलेज फिलहाल चार-पांच कमरों में पटना कॉलेज के ही पीछे एक भवन में चल रहा है. वाणिज्य कॉलेज का अपना भवन सैदपुर में बनना है, लेकिन उसके लिए अब तक राशि सैंक्शन नहीं हुई है. हालांकि, सैदपुर में पूर्वप्राचार्य बीएन पांडे इसके लिए भूमि पूजन कर चुके हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
तैयार हो रहा है प्रस्ताव पटना विवि में साइंस ब्लॉक का निर्माण कराया जायेगा. इसकाप्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. जल्द ही उसे राज्य सरकार को सुपुर्दकिया जायेगा. साइंस के पीजी विभागों के लिए अब भी जगह की भारी किल्लत है. इसी के मद्देनजर उक्त प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है.
– प्रो परिमल खान, विकास पदाधिकारी, पीयू