पटना. छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस दिया है. आयोग ने बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से हुई कई लोगों की मौत पर संज्ञान लिया है. आयोग ने इस घटना को बिहार सरकार द्वारा लागू शराबबंदी कानून की असफलता बताया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजी को नोटिस भेजा है. आयोग ने कहा है कि अगर मीडिया में आई शराब से मौत की खबर सही है तो यह मानवाधिकार को लेकर चिंतित करने वाला मामला है.
छपरा में हुई मौत मामले में आयोग ने सरकार से अभी तक की गई हर एक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने पूछा है कि अब तक कितने लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आयोग ने यह भी बताने को कहा है कि सरकार ने इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार किन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है. आयोग ने संबंधित अधिकारियों से नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है.
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सारण जिले में हुई मौत के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है. इस दौरान पुलिस ने तस्करी करने वाले 200 धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. क्योंकि कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. छपरा सदर अस्पताल, पीएमसीएच और एनएमसीएच में मरीजों का इलाज चल रहा है. वहीं, गुरुवार को सारण डीएम राजेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि 26 लोगों की मौत संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से हुई है. डीएम ने कल तक 51 लोगों के गिरफ्तार होने की जानकारी दी थी. इधर, एसपी संतोष कुमार ने बताया कि मशरक के एसएचओ रितेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है. जबकि एक चौकीदार को भी सस्पेंड किया गया है.