शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के तथाकथित अमर्यादित टिप्पणी वाले पेन ड्राइव का मुद्दा बुधवार को बिहार विधान परिषद में जमकर उछाला गया. विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष से संजय मयूख और संजीव कुमार सिंह सहित सभी विपक्षी सदस्यों ने एक साथ केके पाठक का मामला उठाया. उन्होंने सदन में एक पेन ड्राइव दिखाते हुए उसे चलाने की मांग की. जिस पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने इसे सार्वजनिक रूप से चलाने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वीडियो देख और सुनकर आगे की कार्रवाई के लिए इसकी जानकारी सरकार को दे देंगे. इस वीडियो को देखने और सुनने के लिए उन्होंने अपनी अगुवाई में एक कमिटी का गठन किया. जिसमें उपमुख्यमंत्री सहित परिषद के सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुछ सदस्य मौजूद रहेंगे.
भाजपा नेता ने उठाया मुद्दा
बुधवार को सदन की पहली पाली की कार्यवाही में भाजपा के संजय मयूख ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि स्कूलों के समय परिवर्तन का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को निर्देश दिया था. इस संबंध में मंगलवार की शाम शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से अधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक में उन्होंने अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया. यह शिक्षकों का अपमान है.
सदन में दिया गया पेन ड्राइव
सदस्यों ने केके पाठक पर कार्रवाई की मांग की. एक पेन ड्राइव दिखाते हुये भाजपा के संजय मयूख ने कहा कि केके पाठक के तथाकथित वक्तव्य का वीडियो इसमें है, इसे सदन में सार्वजनिक किया जाये. इसे उन्होंने सदन को दे दिया. संजीव कुमार सिंह ने इसका समर्थन किया. साथ ही उपसभापति राजद के रामचंद्र पूर्वे ने शिक्षकों का अपमान बताते हुये केके पाठक पर कार्रवाई की मांग की. इस दौरान महेश्वर सिंह, प्रो संजय कुमार सिंह, सैयद शाहनवाज हुसैन, जीवन कुमार, हरि सहनी, रीना देवी ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक के वक्तव्य की आलोचना की. जदयू के गुलाम गौस ने केके पाठक को मानसिक रोगी बताया. वहीं भाजपा के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने एक मेडिकल बोर्ड गठित कर केके पाठक की मानसिक अवस्था की जांच करने की मांग की.
आसन के निर्देश पर होगी कार्रवाई :शिक्षा मंत्री
इसमें हस्तक्षेप करते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आसन उस वीडियो को देख ले और सरकार को इससे अवगत करवा दे, कार्रवाई होगी. सदन में वीडियो चलाकर गलत परंपरा की शुरुआत नहीं होनी चाहिये. कोई भी सदस्य अन्य पेन ड्राइव लाकर साक्ष्य के रूप में उसे सदन में चलाने की मांग करने लगेगा. सभी सदस्यों को आसन पर भरोसा होना चाहिये. उन्होंने कहा कि विधानसभा में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्कूलों में पढ़ाई सुबह 10 बजे से चार बजे तक होगी. पौने दस बजे तक स्कूलों में शिक्षक आ जाएंगे.