बिहार में शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बनेगी कमेटी? नीतीश सरकार कर रही मंथन
बिहार में शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद से ही शिक्षक संगठनों द्वारा नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी देने की मांग उठने लगी थी. अब इसके लिए बिहार सरकार हाई लेवल कमेटी बनाने जा रही है.
बिहार के तकरीबन साढ़े आठ हजार नियोजन इकाइयों के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए जल्द ही उच्चस्तरीय कमेटी बनेगी. माना जा रहा है कि यह कमेटी जल्द ही अस्तित्व में आ जायेगी. उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें, तो प्रस्तावित कमेटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित होगी. कमेटी में वित्त विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं शिक्षा विभाग के प्रमुख रहेंगे, इसकी प्रबल संभावना है. हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि इन विभागों में वित्त विभाग नोडल विभाग की भूमिका निभायेगा.
क्या काम करेगी कमेटी
कमेटी इस बात पर एक्सरसाइज करेगी कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा कैसे दिया जाय ? यानी, उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने में आने वाली तमाम कानूनी अड़चनों और उसके निराकरण पर कमेटी गौर करेगी. कमेटी यह भी तय करेगी कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए कौन-सी प्रक्रिया अपनायी जाय ? इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर कमेटी गौर करेगी.
शिक्षक संगठन बिना शर्त मांग रहे राज्यकर्मी का दर्जा
जानकारी के मुताबिक अध्यापक नियुक्ति एवं सेवाशर्त नियमावली, 2023 पर कैबिनेट की मंजूरी और उसके बाद उसके कार्यान्वयन को उसकी अधिसूचना जारी होने के बाद से ही शिक्षक संगठनों की यह मांग तूल पकड़ चुकी थी कि सभी नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाय तथा उन्हें नयी नियमावली से आच्छादित किया जाये. इस मांग को लेकर शिक्षक संगठन आंदोलन पर उतर पड़े. इसके मद्देनजर बिहार विधान मंडल के विगत सत्र में सरकार की ओर से सदन में कहा गया कि इस मुद्दे पर सत्र के बाद शिक्षक संगठनों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वार्ता करेंगे, ताकि समस्याओं का हल निकाला जा सके.
पांच अगस्त को सीएम ने की थी बैठक
शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर शनिवार यानी पांच अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश की अध्यक्षता में महागठबंधन में शामिल पार्टियों के विधायक दल के नेताओं की बैठक हुई. उसमें मुख्यमंत्री ने इस बात के स्पष्ट संकेत दिया कि नियोजित शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण होगा तथा उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने में आने वाली बाधाएं दूर की जायेंगी.