बिहार के सरकारी स्कूलों में सभी कक्षाओं के लिए होगा एक परीक्षा कैलेंडर, शिक्षा विभाग कर रहा तैयारी
बिहार शिक्षा विभाग प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों की परीक्षाओं के लिए परीक्षा / शैक्षणिक कैलेंडर 2024 तैयार कर रहा है. जिसके तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों के लिए एक ही परीक्षा / शैक्षणिक कैलेंडर होगा.
बिहार के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों के लिए एक ही परीक्षा / शैक्षणिक कैलेंडर होगा. अब अलग-अलग जिलों के लिए साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक परीक्षाओं का कैलेंडर अलग-अलग नहीं होगा. दरअसल, शिक्षा विभाग प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों की परीक्षाओं के लिए परीक्षा / शैक्षणिक कैलेंडर 2024 तैयार कर रहा है. पहली बार ऐसी व्यवस्था शुरू की जा रही है जिससे प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में एक साथ परीक्षाएं होंगी. इस परीक्षा कैलेंडर से सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को यह जानकारी रहेगी कि किस महीने में कौन -सी परीक्षा होनी है? परीक्षा किस तिथि को शुरू होगी और कब तक चलेगी इसकी पूरी जानकारी कैलेंडर में रहेगी.
नोटिस बोर्ड पर भी लगा रहेगा परीक्षा कैलेंडर
जानकारी के अनुसार स्कूलों में साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं होंगी. परीक्षा कैलेंडर हर स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी लगा रहेगा. एकेडमिक कैलेंडर में नामांकन करने की समय -सीमा भी निर्धारित की जायेगी. दो-तीन दिनों के भीतर यह परीक्षा कैलेंडर जारी कर दी जाएगी.
स्कूलों में एकरूपता लाने के लिए जारी किया जाएगा कैलेंडर
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह कैलेंडर बहुत जल्दी जारी कर दिया जायेगा. प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में एकरूपता लाने के लिए विभाग ने यह निर्णय लिया है. विभाग के अधिकारियों ने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान यह महसूस किया कि राज्य के स्कूलों में ली जाने वाली परीक्षा व समय सारणी में एकरूपता नहीं है. अलग-अलग तिथि पर परीक्षाएं हो रही हैं. कक्षाओं के संचालन में भी समानता नहीं है. जिसे लेकर सभी स्तर के स्कूलों के लिए एक मॉडल टाइम टेबल जारी किया है, जो शुक्रवार से प्रभावी हो गई है.
स्कूलों के लिए टाइम टेबल किया गया जारी
स्कूलों के लिए जारी इस टाइम टेबल के मुताबिक ही विद्यालय बंद और शुरू होंगे. विद्यालय अपने स्तर पर इस टाइम टेबल में अपने स्तर पर कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे. यदि विद्यालय में किसी कक्षा का बोर्ड या सेंटअप एक्जाम हो रहा है तो अन्य कक्षाओं को सस्पेंड नहीं किया जा सकेगा. शनिवार को पूरे दिन गतिविधि होगी. भोजनावकाश के बाद अध्यापन का कार्य होगा. इसे बाद बाल संसद और अभिभावकों के साथ बैठक होगी. संस्कृत बोर्ड के विद्यालय तथा राजकीय उर्दू विद्यालय भी उपरोक्त मॉडल टाइम टेबल का पालन करेंगे. मिशन दक्ष के तहत अपराह्न साढ़े तीन बजे से सवा चार बजे तक विशेष कक्षाएं संचालित की जायेंगी. सवा चार बजे से पांच बजे तक वर्ग एक और दो के बच्चों को छोड़ कर होम वर्क चेक किए जायेंगे. पाठ टीका तैयार किए जायेंगे. मिशन दक्ष की कक्षाएं ली जायेंगी. इसके बाद पांच बजे शिक्षक की छुट्टी की जायेगी.
प्रारंभिक / माध्यमिक स्कूलों की समय सारणी
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स्कूल खुलने का समय- सुबह नौ बजे
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प्रार्थना/ योगाभ्यास/ व्यायाम / ड्रिल- 9 बजे से 9:30 बजे तक
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पहली घंटी- 9:30- 10:10 तक
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दूसरी घंटी – 10:10 -10:50 तक
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तीसरी घंटी- 10:50 से 11:30 तक
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चौथी घंटी- 11:30 से 12:10 तक
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एमडीएम एवं मध्यांतर- 12:10 से 12:50 तक
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पांचवीं घंटी- 12:50 से 1:30 तक
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छठवीं घंटी – 1:30- 2:10 तक
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सातवीं घंटी – 2:10 से 2:50 तक
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आठवीं घंटी- 2:50 से 3:30 तक
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स्कूल की छुट्टी- 3:30 बजे
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स्कूली बच्चों के लिए मिशन दक्ष शुरू
राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए मिशन दक्ष शुक्रवार से शुरू हो गया है. कक्षा तीन से आठ वीं तक के बच्चों के लिए प्रत्येक स्कूल में अपराह्न तीन बजे पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए कक्षा लगायी गयी. प्रधानाध्यापकों ने इस कक्षा पर विशेष नजर रखी. दरअसल यह मिशन शिक्षा विभाग की प्राथमिकता में है.
मिशन दक्ष के लिए गठित की गई है कमिटी
जानकारी के मुताबिक इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है. जिसमें मिशन दक्ष के संचालन के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं. इस मिशन की खास बात है कि प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे. दरअसल प्रत्येक शिक्षक को इतने बच्चे एडोप्ट करने होंगे. इन शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि बच्चों को उस कक्षा का स्तरीय ज्ञान दें , जिस में उनका नामांकन कराया गया है.
शिक्षकों को कम से कम लेनी होंगी छह घंटिया
दरअसल कमजोर बच्चों से आशय ऐसे विद्यार्थियों से है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं. शिक्षा विभाग मिशन दक्ष के प्रति कितना गंभीर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि अगर मिशन दक्ष की कक्षा मिला कर यह शिक्षक छह घंटिया नहीं पढ़ाते हैं तो यह माना जायेगा कि वे विद्यालय में केवल सशरीर उपस्थित थे. पढ़ाया नहीं. लिहाजा उस दिन का वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा. जानकारी में बताया गया कि कई स्कूलों में माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने भी विशेष कक्षाएं लीं.
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