भागलपुर: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सबौर की व्यवस्था भगवान भरोसे है. दवा से लेकर शौचालय तक का यहां बेहतर प्रबंधन नहीं है. कायाकल्प योजना को लेकर जो मानक हैं, उसमें यह अस्पताल कहीं नहीं टीक रहा है. यहां हो रही लापरवाही को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने यहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधन से स्पष्टीकरण पूछा है.
दरअसल, कायाकल्प कार्यक्रम के तहत जल्द ही अस्पताल का निरीक्षण करने टीम आने वाली है. इससे पहले अस्पताल की आंतरिक जांच करायी जा रही है. इसमें सबौर सीएचसी में लापरवाही सामने आया. पत्र जारी करने के बाद सीएस ने स्पष्ट कहा है कि तीन दिन के अंदर जवाब दे. अस्पताल को कायाकल्प कार्यक्रम अंतर्गत मानक के अनुरूप बनाने में इसे लापरवाही माना गया है .
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अस्पताल में संबंधित एएनएम एवं प्रभारी डॉक्यूमेंटेशन का काम नहीं करते है.
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मरीजों को दी जाने वाली दवा अस्त व्यस्त अवस्था में रखी जाती है.
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अस्पताल के खिडकी का शीशा टूटा हुआ था, अस्पताल जगह रोशनी की व्यवस्था नहीं थी.
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अस्पताल का शौचालय काफी गंदा था, यह प्रयोग के लायक नहीं था.
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हेल्प डेस्क, नर्सिंग स्टेशन में कोई कर्मी नहीं थे, ना ही यहां दस्तावेज उपलब्ध था.
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टीकाकारण कक्ष में कचरा भरा था और यहां से कर्मी गायब थे.
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अस्पताल में लगाया गया डिजिटल घड़ी बंद अवस्था में था.