बिहार के पावर सेक्टर में 50,000 करोड़ निवेश की संभावना, URJA NIVESH 2024 में अदाणी समेत 70 कंपनियां हुईं शामिल
उद्योग विभाग ने सोमवार को '' ऊर्जा निवेश 2024 '' राउंड टेबल कांफ्रेंस का आयोजन किया. विद्युत भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में अडाणी, वीनस, सिक्योर, पावर कॉम सहित देश-विदेश की करीब छह दर्जन कंपनियों ने भाग लिया.
बिहार में अगले पांच वर्षों के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में करीब 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है. इनमें 24 हजार करोड़ रुपये रिन्युअल एनर्जी, 17 हजार करोड़ रुपये बिजली आपूर्ति सामग्रियों और करीब नौ हजार करोड़ रुपये ट्रांसमिशन से जुड़े सामग्रियों की खरीद पर खर्च होंगे. इन सामग्रियों का आयात करने की बजाय बिहार में ही निर्माण सुनिश्चित करने को लेकर ऊर्जा और उद्योग विभाग ने सोमवार को संयुक्त रूप से ‘ऊर्जा निवेश 2024’ राउंड टेबल कांफ्रेंस का आयोजन किया. विद्युत भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में अदाणी, वीनस, सिक्योर, पावर कॉम सहित देश-विदेश की करीब छह दर्जन कंपनियों ने भाग लिया.
इंडस्ट्रियल पॉलिसी का फायदा उठा बिहार में लगाएं यूनिट : संदीप पौंड्रिक
इस एक दिवसीय राउंड टेबल कांफ्रेंस का उद्घाटन ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने किया. इसके बाद उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने ऊर्जा क्षेत्र के इन उद्यमियों को बिहार इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अभी ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण से संबंधित उपकरण राज्य के बाहर से खरीदे जाते हैं. अगर इनका बिहार में ही उत्पादन किया जाये तो उद्यमियों के साथ ही बिहार को भी राजस्व व रोजगार के क्षेत्र में फायदा मिलेगा. उन्होंने बिहार में इकाई लगाने से संबंधित फायदे भी बताये.
ऊर्जा क्षेत्र में निवेश का बड़ा अवसर : संजीव हंस
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि बिहार में ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश का बड़ा अवसर है. अगले पांच साल में सिर्फ रिन्युअल एनर्जी सेक्टर में ही करीब 24 हजार करोड़ रुपये के उपकरणों की आवश्यकता होगी. इसके साथ ही 26 हजार करोड़ रुपये लागत की सप्लाइ व ट्रांसमिशन के ट्रांसफॉर्मर्स, कंडक्टर्स, सर्किट ब्रेकर्स पावर ट्रांसफॉर्मर्स आदि की जरूरत होगी. उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि अगर इन सामग्रियों का उत्पादन बिहार में ही हो, तो कंपनियों को फायदा होगा.
उद्यमियों ने उठाया सेंट्रल जीएसटी की भरपाइ का मामला
अधिकारियों के मुताबिक निवेशकों ने प्रजेंटेशन देखने के बाद निवेश से संबंधित प्रस्ताव पर विचार करते हुए प्रस्ताव देने का भरोसा दिलाया है. कुछ कंपनियों ने स्टेट जीएसटी के साथ ही सेंट्रल जीएसटी की भरपाई किये जाने का मामला उठाया. उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उद्यमियों की मांग को देखते हुए सेक्टर वार छूट देने के संबंध में अलग से फैसला लिया जायेगा. ऊर्जा निवेश में स्मार्ट मीटर से संबंधित अडाणी, वीनस, सिक्योर, पावर कॉम के अलावा ट्रांसफॉर्मर व इलेक्ट्रिक-सोलर पैनल का निर्माण करने वाली कई देशी-विदेशी कंपनियों ने भाग लिया.
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