बिहार में जहरीली शराब पीने से मरे 32 लोगों के आश्रितों को जल्द ही मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान की राशि मिलेगी. जिन लोगों को यह राशि मिलेगी उनमें 26 पूर्वी चंपारण जिले और छह नालंदा जिले के हैं. संबंधित जिलाधिकारी की अनुशंसा पर मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने मुख्यमंत्री सचिवालय को इसकी जानकारी दी है. प्रक्रिया पूरी होते ही जिलाधिकारी के माध्यम से ही मृतक के आश्रितों को राशि उपलब्ध करा दी जायेगी.
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रीकृष्ण पासवान ने गुरुवार को नियमित प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहली बार शराब पीने से मरने वाले गरीब लोगों के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए जिलाधिकारी को अनुशंसा भेजने का अधिकार मिला है.
वर्तमान में पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के डीएम ने अप्रैल 2023 में जहरीली शराब कांड का शिकार हुए 26 लोगों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान राशि दिये जाने की अनुशंसा की है. इस कांड में पांच थाना इलाकों हरसिद्धि, पहाड़पुर, तुरकौलिया, सुगौली और रघुनाथपुर के लोगों की मौत हुई थी. वहीं, नालंदा डीएम ने छह मृतकों के आश्रितों को यह राशि दिये जाने की अनुशंसा की है. दोनों प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया गया है, जहां प्रक्रिया चल रही है. इसी हफ्ते डीएम के माध्यम से आश्रितों को राशि मिल जाने की उम्मीद है.
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इस संबंध में पत्रकारों के सवाल पर संयुक्त आयुक्त ने बताया कि प्रावधान के तहत पोस्टमार्टम में जहरीली शराब से मौत की पुष्टि होने वाले लोगों को ही राशि दी जा रही है. अगर डीएम पोस्टमार्टम से वंचित रहे ऐसे कांड के मृतक के आश्रितों को भी अनुग्रह अनुदान दिये जाने की अनुशंसा करते हैं, तो उनको भी राशि दी जायेगी.