बिहार में अनावश्यक लोडशेडिंग पर उपभोक्ताओं को मिलेगा मुआवजा, जानिए कितनी मिलेगी राशि और कहां करना होगा आवेदन

अनावश्यक या जानबूझ कर बिजली की लोडशेडिंग होने पर उपभोक्ता क्षतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं. यही नहीं, बिजली से जुड़ी विभिन्न सेवाएं निर्धारित समय सीमा (एसओपी) के अंदर नहीं मिलने पर भी उपभोक्ता क्षतिपूर्ति पाने का हकदार है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 5, 2023 12:39 AM

पटना. विद्युत अधिनियम में उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध बिजली पाने का अधिकार दिया गया है. अगर किसी इलाके में अनावश्यक या जानबूझ कर बिजली की लोडशेडिंग की जाती है, तो उपभोक्ता क्षतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं. यही नहीं, बिजली से जुड़ी विभिन्न सेवाएं निर्धारित समय सीमा (एसओपी) के अंदर नहीं मिलने पर भी उपभोक्ता क्षतिपूर्ति पाने का हकदार है. लेकिन, जटिलताओं की वजह से उपभोक्ता इनका फायदा नहीं उठा पा रहे.

कार्यपालक अभियंता को पालन की जिम्मेदारी

बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने 2012 में ही प्रावधान किया है कि अगर डिस्कॉम्स सेवाएं देने में एसओपी का विचलन करते हैं तो प्रभावित एक या उससे अधिक उपभोक्ता रजिस्टर्ड डाक अथवा हाथों-हाथ संबंधित आपूर्ति क्षेत्र के विद्युत कार्यपालक अभियंता के पास रसीद के साथ आवेदन कर सकते हैं. कार्यपालक अभियंता आवेदन की प्राप्ति रसीद देंगे और 30 दिन के अंदर क्षतिपूर्ति की राशि निर्धारित करेंगे. डिस्कॉम्स यह राशि सेवा में चूक करने वाले पदाधिकारी-कर्मियों से वसूल करेगी. यह दावा पत्र हर कार्यालय में नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाना है.

केंद्र ने कहा- ऑटोमैटिक मैकेनिज्म करें विकसित

केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय ने सभी राज्यों के विनियामक आयोग को छह महीने के भीतर क्षतिपूर्ति दावा व भुगतान के लिए ऑटोमेटिक मैकेनिज्म विकसित करने का निर्देश दिया था. लेकिन, इस संबंध में अब तक डिस्कॉम्स के स्तर पर अधिसूचना नहीं हो सकी है. इसके तहत ऑनलाइन सुविधा विकसित की जानी थी, जहां पर प्रभावित उपभोक्ता क्षतिपूर्ति राशि के दावे को लेकर रजिस्ट्रेशन करा सकते थे. चूंकि डिस्कॉम पूरी व्यवस्था की ऑनलाइन मॉनिटरिंग करती है, इसलिए उनके लिए इसकी निगरानी भी आसान होगी.

इन सेवाओं के समय पर न मिलने पर करें क्षतिपूर्ति का दावा

  • विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित समय की बिजली आपूर्ति न मिलना

  • निर्धारित से अधिक बार बिजली आपूर्ति में व्यवधान

  • कनेक्शन, डिस्कनेक्शन, रिकनेक्शन या शिफ्टिंग में अधिक समय लगना

  • लोड बदलाव में अधिक समय

  • उपभोक्ताओं के विवरण में बदलाव करने में अधिक समय लगना

  • खराब मीटरों को बदलने में अधिक समय लेना

  • निर्धारित समय पर बिल न मिलना

  • बिल से जुड़ी गड़बड़ियां समय पर दूर न होना

Also Read: बिहार में बिजली की आधारभूत व्यवस्था होगी मजबूत, स्मार्ट मीटर सहित इन योजनाओं पर खर्च होंगे 24000 करोड़ रुपये
सेवाओं के लिए निर्धारित मानक समय व क्षतिपूर्ति राशि

  • सेवाएं- मानक समय- क्षतिपूर्ति राशि

  • सामान्य फ्यूज कॉल- शहर में चार घंटे के अंदर, ग्रामीण 24 घंटे के अंदर- 50रुपये प्रति विलंब दिन

  • केबल फॉल्ट (ऊपरी)- शहर छह घंटे के अंदर, ग्रामीण 36 घंटे के अंदर- 50रुपये प्रति विलंब दिन

  • केबल फॉल्ट (जमीन के अंदर)- शहर 24 घंटे के अंदर, ग्रामीण 48 घंटे के अंदर- 50रुपये प्रति विलंब दिन

  • डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर की खराबी- शहर 24 घंटे, ग्रामीण 72 घंटे के अंदर- 100रुपये प्रति विलंब दिन

  • एक बार में अधिकतम विद्युत आपूर्ति- 12 घंटे से ज्यादा नहीं- 100रुपये प्रति विलंब दिन (शाम छह बजे के पहले आपूर्ति बहाली जरूरी)

  • वोल्टेज में उतार-चढ़ाव- 10 दिनों के अंदर- 100 रुपये प्रति विलंब दिन

  • खराब मीटरों को बदलना- सात दिनों के अंदर-100 रुपये प्रति विलंब दिन

  • नया कनेक्शन व लोड बढ़ोतरी- 30 दिनों के अंदर- 100रुपये प्रति विलंब दिन

  • स्वामित्म परिवर्तन या सेवा में बदलाव- सात दिनों के अंदर- 100रुपये प्रति विलंब दिन

  • बिजली बिल शिकायत का निबटारा- 24 घंटे से लेकर सात दिन- 50रुपये प्रति विलंब दिन

Next Article

Exit mobile version