सहरसा में अधिकारी से स्कूल की शिकायत करना छात्रों को पड़ा महंगा, हेडमास्टर ने बंद कमरे में पीटा
सहरसा के मध्य विद्यालय गोरियारी में सोमवार को दर्जनों अभिभावकों ने छात्रों के साथ मिलकर एचएम द्वारा कई बच्चों को स्कूल के एक कमरे में बंद कर पिटाई किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. अब इस रिपोर्ट से जानिए क्या है पूरा मामला..
सहरसा के सलखुआ प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय गोरियारी के छात्रों को स्कूल की कुव्यवस्था के बारे में जांच में आई बीईओ से शिकायत करना महंगा पर गया. छात्रों द्वारा अधिकारी से शिकायत करने से नाराज शिक्षक ने छात्रों को कमरे में बंद कर के पीटा. जिसके बाद सोमवार को दर्जनों अभिभावकों ने छात्रों के साथ मिलकर एचएम द्वारा कई बच्चों को स्कूल की उपरी मंजिल के कमरे में बंद कर पिटाई किए जाने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया.
छात्रों के पिटाई से आक्रोशित अभिभावकों व छात्रों ने स्कूल में किया प्रदर्शन
छात्रों की पिटाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय कुव्यवस्था का गढ़ बन गया है. एचएम मनोज कुमार किसी की नहीं सुनते हैं. विद्यालय का नवनिर्मित शौचालय बंद रहता है. बच्चे शौच के लिए बाहर जाते हैं. एमडीएम में मेनू की कौन पूछे एचएम के मर्जी के मुताबिक भोजन दिया जाता है. किसी से कोई शिकायत की जाती है, तो एचएम मैनेज सिस्टम से सब कुछ मैनेज कर लेते हैं.
विद्यालय निरीक्षण के लिए आई थी बीईओ
अभिभावकों ने बताया कि शुक्रवार को विद्यालय निरीक्षण के लिए बीईओ सविता कुमारी आईं थी. जहां स्कूल के कुछ बच्चों ने विद्यालय में चल रही कुव्यवस्था की पोल खोल दी. बीईओ के चले जाने के तुरंत बाद एचएम मनोज कुमार ने शिकायत करने वाले चार छात्रों को स्कूल की ऊपरी मंजिल के एक कमरे में बंद कर पिटाई कर दी.
पिटाई के बाद सभी बच्चों का स्थानीय डॉक्टर से कराया गया इलाज
अभिभावकों ने बताया कि पिटाई के बाद सभी बच्चों को स्थानीय चिकित्सकों से इलाज करा मामले की जानकारी बीईओ सहित अन्य अधिकारियों को दी गयी है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इधर, पिटाई से पीड़ित चौथी कक्षा के छात्र उमेश राम के पुत्र कुंदन कुमार, दिनेश राम के पुत्र रितेश कुमार, भूपेश कुमार के पुत्र मिथुन कुमार व प्रभु राम के पुत्र अन्नू कुमार ने अपने शरीर में जगह-जगह पिटाई के निशान को दिखाते हुए फफक कर रो पड़े.
पीड़ित बच्चों ने बताया अपना दर्द
पीड़ित छात्रों ने बताया कि बीईओ स्कूल में जांच के लिए आयी थी. हम लोगों से जो-जो बात पूछी हम लोग सच-सच बोल दिये. बीईओ के जाने के बाद एचएम सर हम लोगों को स्कूल की ऊपरी मंजिल के एक कमरे में ले गये. जहां हम लोगों को बांस की छड़ी से पिटाई करते हुए हिदायत दी कि आगे से किसी को भी किसी प्रकार की शिकायत नहीं करोगे.
क्या कहते हैं एचएम
पूरे मामले को लेकर प्रधानाध्यापक मनोज कुमार ने बताया कि यह वर्ग चार का मामला है. किसी बच्चे की बंद कमरे में पिटाई नहीं की गयी है. कक्षा से बाहर निकल बच्चों द्वारा बिजली के तार पर पत्थर फेंका जा रहा था. बच्चे बाहर खेल रहे थे. इसी को लेकर एक दो छड़ी मारा गया है. हम लोग भी बचपन में शिक्षक की डांट फटकार और पिटाई खाकर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं. हमारे ऊपर लगाया गया सारा आरोप बेबुनियाद है.
क्या कहती हैं बीईओ
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सविता कुमारी ने बताया कि वह मध्य विद्यालय गोरियारी जांच करने गये थे, जहां कुछ बच्चों ने कुव्यवस्था के संबंध में उन्हें जानकारी दी. वहीं जांच के बाद मुझे जानकारी मिली कि मेरे जाने के बाद एक बच्चे की पिटाई प्रधानाध्यापक ने की है. मामले का निराकरण कर दिया गया है. ऐसे हम इस मामले में विद्यालय के एचएम से स्पष्टीकरण पूछेंगे.
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पहले भी सामने आ चुका है छात्रों की पिटाई का मामला
बता दें कि शिक्षकों द्वारा छात्रों की पिटाई का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले 27 जुलाई को बेगूसराय जिले के शाम्हो प्रखंड से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां मध्य विद्यालय अकबरपुर चालीस के प्रभारी प्रधानाध्यापक सीताराम शाव के विरुद्ध आरोप लगाया गया था कि विद्यालय प्रभारी कुर्सी टूटने के जुर्म में दर्जनों बच्चों को पीट कर अधमरा कर कमरे में बंद कर दिया. जिससे कई बच्चियां बेहोश हो गयी. सात बच्चियों को बेहोशी की हालत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. उपचार के बाद सभी बच्चियों को घर भेज दिया गया. वहीं इस मामले में ग्रामीणों द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी. प्राथमिकी दर्ज कराने वाले दिनेश मिश्र ने बताया कि विद्यालय में घटना के बाद से ही पूरे गांव में मंथन चल रहा था. ग्रामीणों में एक राय बनी कि उक्त शिक्षक के विरुद्ध कानून का सहारा लिया जाये, इसलिए शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पूर्व में भी उक्त शिक्षक बच्चों के साथ मारपीट की घटना कर चुके हैं.