संपत्ति अर्जित करने के मामले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई में उनकी संपत्ति की जांच कराने की शिकायत पहुंची है. शिकायत में आरसीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई और अवैध संपत्ति को जब्त करने की मांग की गयी है. औरंगाबाद के दाउदनगर के रजनीश कुमार ने आरसीपी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई में यह शिकायत की है. उन्होंने शिकायत पत्र में कहा है कि यह मामला प्रथम दृष्टया एक लोक सेवक के द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का है और आर्थिक अपराध से संबंधित है. आरसीपी सिंह ने चुनावी शपथ पत्र में इन संपत्तियों का विवरण छुपाया है इसलिए इस मामले की जांच कर सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. साथ ही, आय से अधिक अवैध संपत्तियों को कानूनी तरीके से जब्त करने की कार्रवाई की जाये.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस संपत्ति का ब्योरा जदयू के नेताओं ने जुटाया है. रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों बेटियों लिपि सिंह, लता सिंह के नाम पर हैं. नोटिस में पूछा गया है कि नालंदा के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें कहा गया है कि आपके और आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. आरोप यह भी है कि आरसीपी सिंह ने 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इन संपत्तियों का जिक्र नहीं किया है.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने जो नोटिस आरसीपी सिंह को भेजा है, उसमें RCP सिंह ने जो संपत्ति खरीदी है उसका बिंदुवार जिक्र किया गया है. जदयू ने नोटिस में यह आरोप लगाया है कि आरसीपीसी सिंह ने नालंदा जिला के दो प्रखंड में 40 बीघा जमीन खरीदी और जमीन के इस खेल में दान में जमीन लेकर उसका खरीद बिक्री किया गया. इन सभी संपत्तियों का जिक्र चुनावी हलफनामे में नहीं किया गया जदयू ने एक और बड़ा आरोप आरसीपी सिंह पर लगाया कि उन्होंने जमीन के खरीद में अपनी पत्नी के नाम में भी हेराफेरी की है. हालांकि जदयू के द्वारा नोटिस भेजे जाने पर आरसीपीसी ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.