पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा का पानी पाइप के जरिये राजगीर, गया, बोधगया और नवादा पहुंचाने की परियोजना को समय सीमा के अंदर पूरा करें. सात निश्चय-2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम करें. मुख्यमंत्री शुक्रवार को जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम समीक्षा कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जल-जीवन- हरियाली अभियान के अंतर्गत गंगाजल उद्वह परियोजना की शुरुआत की गयी. इसके तहत राजगीर, गया, बोधगया और नवादा में सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. जल संसाधन विभाग, पीएचइडी सहित नगर विकास एवं आवास विभाग आपस में समन्वय बनाकर काम करें और इस परियोजना को तय समय सीमा के अंदर पूरा करें.
समीक्षा बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जल संसाधन विभाग की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी दी. उन्होंने सिकरहना नदी के दायें किनारे तटबंध निर्माण का कार्य, बख्तियारपुर में गंगा की धार की पुनरस्थापना, टाल विकास योजना, कोसी-मेची लिंक योजना, उत्तर कोयल जलाशय परियोजना, उत्तर बिहार की बाढ़ और जलजमाव की समस्या, दक्षिण बिहार की सिंचाई एवं बाढ़ की समस्या, गंगाजल उद्वह योजना सहित हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने की योजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी.
Also Read: आज क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप में होगा फैसला, बिहार में सात से खुल सकते हैं स्कूल-कॉलेज, हटेगा नाइट कर्फ्यू
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सात निश्चय-2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें. उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने की योजना बनाएं, इसको लेकर व्यावहारिक आकलन कराएं. छोटी नदियों के आपस में जुड़ने से जल संरक्षित रहेगा और इससे लोगों को सिंचाई कार्य में भी सुविधा होगी. नदियों में गाद की समस्या के समाधान को लेकर गाद प्रबंधन के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को तय समय पूरा करें.
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और ओएसडी गोपाल सिंह उपस्थित थे. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल सहित जल संसाधन विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी और अभियंता जुड़े हुए थे.