पटना. बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार में कांग्रेस को अपना राजनीतिक वजूद बनाये रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने इसलिए उम्मीदवार उतारे कि हमारे पास चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प राजद ने छोड़ा ही नहीं था. राजद ने हमें धोखा दिया था. चुनाव परिणाम को देखते हुए पार्टी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग उठने पर प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि चुनाव परिणाम के लिए केवल प्रदेश अध्यक्ष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. परिणाम आने के बाद ललित नारायण मिश्र के पोते और पूर्व जाले विधायक ऋषि मिश्र ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा से इस्तीफा मांगा है.
इधर, अपनी पुरानी जमीन को पाने के लिए कांग्रेस कल ही अपने मेगा प्लान पर काम शुरू कर चुकी है. अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. कांग्रेस ने बिहार में 25 लाख नये सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा.
सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष डा मदन मोहन झा ने कांग्रेस के मेगा सदस्यता अभियान की शुरुआत की. डा. झा ने कहा कि पिछले वर्ष 16 लाख नये सदस्य पार्टी से जोड़े गए थे. इस बार लक्ष्य को बढ़ाकर 25 लाख किया गया है. पार्टी से युवाओं को जुड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश में विचारधारा की लड़ाई में जिले से लेकर पंचायतों तक में कांग्रेसजनों को जोड़ने का लक्ष्य लेकर सदस्यता अभियान की शुरुआत की गयी है.
पूर्व अध्यक्ष चंदन बागची ने बताया कि सदस्यता अभियान को गांवों तक ले जाया जाएगा, ताकि कांग्रेस को पुन: मजबूती से गांव-गांव तक खड़ा किया जा सके. वरिष्ठ नेता व पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने देश में कांग्रेस की मजबूती को जरूरी बताते हुए कहा कि देश को निर्धारित करना है कि उसे विकास और मजबूती के लिए कांग्रेस से जुडऩा है या नहीं. कांग्रेस पार्टी देश की जरूरत है.
Posted by Ashish Jha