Bihar news: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भले ही शराबबंदी लागू करने के बाद इसकी सफलता का बार-बार दावा किया हो. लेकिन अब महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जदयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शराबबंदी नीति को पर सवाल खड़े किये. अब इस मामले पर उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ और कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने भी शराबबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं.
बता दें कि उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ शुक्रवार को वैशाली के भगवानपुर में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में लोगों की उम्मीद के मुताबिक पूर्ण शराबबंदी नहीं हो पा रही है. लोगों की अपेक्षा पर खड़ा उतरने में हमलोग असफल हैं. हालांकि हमलोग (राज्य सरकार) चाहती है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो. लेकिन शराब माफियाओं का सरकार के सामानंतर कारोबार चल रहा है. इसलिए लोग सोचते हैं कि बिहार में शराबबंदी का असर नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोगों की जो पूर्ण शराबबंदी कि अपेक्षा है, उसमें हमलोग सफल नहीं है.
वहीं, कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने तो बिहार से शराब बंदी को हाटने की मांग तक कर डाली. शराबबंदी को प्रदेश में विफल बताते हुए प्रतिमा कुमारी ने कहा कि अगर बिहार में शराबबंदी है तो फिर ट्रकों का भंडार कहां से मिल रहा है, लोग शराब पीकर मर रहे हैं. तो उसे अज्ञात बीमारी बताया जा रहा है. आंख बंद करने से सच्चाई नहीं छिप सकती है. प्रतिमा कुमारी ने आगे कहा कि जीतन राम मांझी बिहार में पौआ मात्रा तक शराब पीने की बात करते हैं. मांझी को सीएम से मिलकर बात करनी चाहिए.
कांग्रेस विधायक यहीं नहीं रुकीं उन्होंने बिहार सरकार को सलाह देते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि शराबबंदी नीति में बदलाव कर राशन दुकान की तर्ज पर शराब की बिक्री कराया जाए. इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी और लोगों को वैध शराब भी मिल जाएगा. जहां तक पीने के बाद हो-हंगामे का सवाल है तो उत्पाद कानून पहले से ही है. जो हंगामा करेगा, उसपर जुर्माना लगाया जाएगा.
बता दें कि जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में शराबबंदी को असफल करार देते हुए कहा था कि रकार के कह देने मात्र से शराबबंदी सफल नहीं हो जाती है. बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा का ये नीतीश सरकार को पसंद नहीं आया है.