श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर भूमिहारों के बारे में कांग्रेस नेता के इस बयान पर मचा बवाल, जानें क्या कुछ कहा
Bihar politics: श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में गुरुवार को कांग्रेस ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती मनाई. इस दौरान कांग्रेस के वरीय नेता राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने बगैर किसी का नाम लिये बीजेपी के भूमिहार समाज के नेताओं पर जमकर निशाना साधा.
Bihar politics: पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में गुरुवार को कांग्रेस ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती मनाई. इस दौरान कांग्रेस के वरीय नेता राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने बगैर किसी का नाम लिये बीजेपी के भूमिहार समाज के नेताओं पर जमकर निशाना साधा. अखिलेश सिंह ने कहा कि आज भूमिहार समाज के बड़े नेता बीजेपी के कहार बने हुए हैं. उन्होंने भूमिहार समाज के नेताओं से कांग्रेस में जुड़ने की अपील भी की.
इस बात को लेकर सियासी मचा बवाल
बता दें कि अपने संबोधन में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि ‘श्रीकृष्ण बाबू ने हमेशा दलित और वंचित लोगों को उठाने का काम किया. आज वे लोग (दलित) हम सब लोगों को चौक-चौराहे पर (भूमिहार) को गाली देने का काम करते हैं कि ज्यादा भूमिहारी न करें. मतलब ऐसे लोग हमें ( भूमिहार समाज) को तेज समझते थे. लेकिन आज भूमिहार…भूमिहारी नहीं कर के मोदी की कहारी करने में जुटे हुए हैं. आप अपनी खोयी हुई गरीमा को तभी वापस पा सकते हैं. जब आप मोदी की कहारी करना छोड़कर श्री बाबू के बताये राह पर चलेंगे.’
श्रीकृष्ण बाबू का काम आज भी दिखता है- भक्त चरण दास
वहीं, बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा कि दलितों के लिए जो काम श्रीबाबू ने किया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है. श्रीकृष्ण सिंह ने हमेशा से हगी दलितों-वंचितों को आगे बढ़ाने का काम किया है. उन्होंने देवघर के मंदिर में दलित प्रवेश की बातों को भी याद करते हुए कहा कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री ने जो काम बिहार के लिए किया था, वह आज भी दिखता है.
श्रीकृष्ण सिंह को लेकर जमकर हो रही राजनीति
बता दें कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती को लेकर राज्य में जमकर राजनीति हो रही है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों श्रीकृष्ण सिंह के रास्ते पर चलने की बात कर रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. बताते चलें कि श्रीकृष्ण सिंह जब तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे तब तक बिहार देश के टॉप राज्यों में शामिल रहा है. लेकिन आज की स्थिति किसी से छिपी हुई नहीं हैं. इसके अलावे अगड़ी जाति से आने के बावजूद श्रीकृष्ण सिंह ने दलितों और वंचितों के लिए जो कुछ भी किया, शायद आज दलित नेता भी इस समाज के लिए उतना नहीं कर सके और यही वजह है कि श्री बाबू का नाम दलित नेता भी अदब के साथ लेते हैं.