मधुबनी. मधुबनी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने चुनावी राजनीति को अलविदा कह दिया है. अब वो भविष्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर उन्होंने अपनी भावना से अवगत करा दिया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि वो अब एक कार्यकर्ता की तरह पार्टी में काम करना चाहते हैं. शकील अहमद विधायक, बिहार सरकार में मंत्री, बिहार से सांसद, केंद्र सरकार में मंत्री, कई राज्यों के प्रभारी, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
पिछले चुनाव में शकील अहमद ने पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. वैसे उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया गया, लेकिन लौटने के बाद पार्टी में उनकी स्थिति हासिये पर ही रही है. अपने नये फैसले के संबंध में कांग्रेस नेता शकील अहमद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि लोकसभा 2009 और 2014 चुनाव में मधुबनी सीट से हार के बाद कांग्रेस के अलावा 2019 चुनाव में इस सीट को लेने को गठबंधन में कोई तैयार नहीं था. इससे 2019 चुनाव को लेकर आशान्वित था, लेकिन यह सीट 2019 चुनाव में वीआईपी पार्टी को चली गयी. इससे मुझे दुख हुआ और मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा.
शकील अहमद मधुबनी लोकसभा सीट से साल 1998 और 2004 में सांसद रह चुके हैं. उन्होंने 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और गृह राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला. साल 1985, 1990 और 2000 में वे विधायक भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिहार कांग्रेस प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.