पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा बलिया रेलखंड स्थित मांझी रेलपुल के दक्षिणी मुहाने पर स्थित रेल पटरी पर बोल्डर (पत्थर का बड़ा हिस्सा ) रखकर शनिवार को लखनऊ छपरा एक्सप्रेस ट्रेन को पलटने की साजिश की गयी. यह सुखद संयोग ही रहा कि ट्रेन पत्थर को पिसते हुए आगे बढ़ गई पर बेपटरी नही हुई. अन्यथा पूरी ट्रेन रेल पुल को तोड़कर सरयू नदी में समा सकती थी तथा बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हो सकता था.
लखनऊ से आ रही थी ट्रेन
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को सुबह साढ़े दस बजे के आसपास बलिया से छपरा आ रही लखनऊ छपरा एक्सप्रेस ट्रेन के पंहुचने से पहले असामाजिक तत्वों ने रेलपुल के दक्षिणी मुहाने पर छपरा जंक्शन के 18/3 किमी पर दोनों रेल पटरी पर एक एक बोल्डर रखकर ट्रेन को पलटाने की साजिश की थी. बोल्डर के टूटने की तेज आवाज और खड़खड़ाहट से चालक समेत ट्रेन में सवार यात्री सकते में आ गये. हालांकि ट्रेन किसी तरह पुल पार करके खड़ी हो गयी. तब चालक ने उक्त मामले की सूचना वाराणसी कंट्रोल को दी. सूचना पाकर पूरा रेल प्रशासन हरकत में आ गया.
आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
सूचना पाकर मौके पर बैरिया के सीओ मो उस्मान, एसएचओ रामायण सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर बीके सिंह, टीटीआइ बलिया संजय सिंह, पीडब्लूआइ सुरेमनपुर राज कुमार सिंह तथा छपरा रेल सीआइडी के विकास यादव व मांझी में तैनात आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंच गये तथा मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी. पटरी पर बोल्डर रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश करने वालों की पहचान कर स्थानीय बैरिया पुलिस तथा रेल पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटी हुई है.
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