Constable Recruitment Paper Leaked: सिपाही भर्ती परीक्षा का आंसर की परीक्षा शुरू होने से पहले ही बंट गया था
Constable Recruitment Paper Leaked मोनू, रजनीश, रंजन कुमार, विमल, अरविंद कुमार, रौशन कुमार पकड़े गये और उन लोगों के पास से आंसर बरामद किये गये.
सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्नपत्र के आंसर अभ्यर्थियों के बीच बंट गये थे. कुछ ऐसा ही बीएसएससी की वर्ष 2017 की परीक्षा में हुआ था. उसमें भी सभी ने एक-दूसरे को प्रश्नपत्र भेज दिया था. सिपाही बहाली में प्रश्नपत्र के बजाय आंसर सैकड़ों अभ्यर्थियों के मोबाइल पर एक-दूसरे ने भेज दिया. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पकड़े गये अभ्यर्थियों मोनू व रजनीश के मोबाइल फोन की जांच की गयी. इन दोनों को अलग-अलग नंबरों से आंसर आये थे. लेकिन उस मैसेज में फॉरवर्डेड मेनी टाइम्स दिख रहा है. इससे यह स्पष्ट है कि यह आंसर कई अन्य लोगों के पास से होता हुआ मोनू व रजनीश के पास पहुंचा, जिसका इस्तेमाल कर परीक्षा केंद्र के अंदर कदाचार करते हुए पकड़े गये और सारा खेल सामने आ गया. मोनू, रजनीश, रंजन कुमार, विमल, अरविंद कुमार, रौशन कुमार पकड़े गये और उन लोगों के पास से आंसर बरामद किये गये. खास बात यह है कि परीक्षा माफियाओं ने अपने अभ्यर्थियों को वह आंसर भेजा और उन लोगों ने अपने-अपने साथियों के मोबाइल फोन पर भी भेज दिया.
बड़े पैमाने पर आंसर के वितरित होने की बात जांच में आने के बाद ही सिपाही बहाली की एक अक्तूबर की हुई परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया. केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती ने भी माना है कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि यह कार्य प्रथम दृष्टया सुनियोजित ढंग से परीक्षा माफियाओं के गिरोहों द्वारा की गयी है. लिखित परीक्षा की प्रक्रिया दुषित होने के कारण इसे कैंसिल किया जा रहा है. कंकड़बाग व रामकृष्णानगर में आंसर के साथ पकड़े गये अभ्यर्थियों सॉल्वर के मामले को प्रभात खबर ने प्रमुखता से उठाया था और इसके कारण केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती को परीक्षा कैंसिल करनी पड़ी.
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परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र पहुंच गया था सैकड़ों अभ्यर्थियों के पास
बीएसएससी की वर्ष 2017 में हुई परीक्षा के प्रश्न पत्र भी एक हाथ से दूसरे हाथ में पहुंच गये थे. इस मामले में उस समय के बीएसएससी के चेयरमेन सह वरीय आइएएस पदाधिकारी सुधीर कुमार की भी गिरफ्तारी हो गयी थी. क्योंकि इस मामले में गठित एसआइटी ने जांच में यह पाया था कि सुधीर कुमार ने अपने भतीजे को परीक्षा पास कराने के लिए प्रश्न पत्र दिया था.
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कम से कम 60 से 70 अंक दिलाने की योजना थी अभ्यर्थियों को
जो आंसर पत्र बरामद किये गये हैं उसमें से अधिकांश प्रश्न से मैच कर गये हैं. लेकिन आंशिक रूप से कुछ आंसर गलत भी हैं. इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह परीक्षा माफियाओं के खेल का एक हिस्सा है. मसलन परीक्षा माफियाओं की यही मंशा थी कि उनके अभ्यर्थियों को 60 से 70 फीसदी अंक आ जाएं और वे लिखित परीक्षा में पास कर जाएं. लेकिन परीक्षा माफियाओं की चालाकी काम नहीं आयी और जांच में प्रश्न पत्र के लीक होने की बात स्पष्ट रूप से सामने आ गयी है.