बिहार में सरकारी भवनों के निर्माण में कई तरह की अनियमितताएं सामने आने पर भवन निर्माण विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है. साथ ही अभियंताओं व ठेकेदारों के लिए विशेष दिशा निर्देश जारी किया है. ताजा मामला राज्य में कई भवन निर्माण परियोजनाओं से जुड़ा है. इसमें मंजूर किये गये बजट से अधिक का निर्माण कर दिया गया है. इसके बाद मंजूरी से अधिक खर्च किये गये पैसे के भुगतान की मांग ठेकेदारों द्वारा की जा रही है.
विभाग ने इस संदर्भ में निर्देश जारी करते हुये ऐसे मामले के संबंधित कार्यपालक अभियंताओं से स्पष्टीकरण पूछा है. इसमें कार्यपालक अभियंताओं को जवाब देने होगा कि मंजूर किये गये बजट से अधिक लागत से निर्माण कार्य कैसे कर दिया गया? इसमें रोहतास, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, मधुबनी और समस्तीपुर के कार्यपालक अभियंता शामिल हैं.
सूत्रों के अनुसार विभाग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि परियोजनाओं के लिए मंजूर की गयी राशि से अधिक खर्च कर परियोजनाओं का निर्माण करवाया जा रहा है. साथ ही तय लागत से अधिक खर्च की गयी राशि की निकासी के लिए ठेकेदारों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है. इस संदर्भ में विभाग ने अभियंता प्रमुख को निर्देश दिया है कि वे संबंधित कार्यपालक अभियंताओं से स्पष्टीकरण पूछकर इसकी जानकारी विभाग को दें.
विभाग ने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिया है कि किसी भी परियोजना में टेंडर की प्रक्रिया पूरा किये बिना किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं होगा. साथ ही अभियंता प्रमुख के माध्यम से कार्यपालक अभियंताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि परियोजना के निर्माण के लिए केवल मंजूर की गयी राशि का ही टेंडर किया जायेगा.
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मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि बजट के अनुसार किये गये काम का भौतिक सत्यापन करवाकर यह सुनिश्चित करें कि तय बजट के अनुसार काम किया गया है. इसके लिए जरूरत पड़ने पर स्वयं स्थल निरीक्षण भी करें. साथ ही परियोजना के बारे में यह भी तय करने का विभाग ने निर्देश दिया है कि एक ही परियोजना और काम के लिए दो बार बजट की मंजूरी (दोहरीकरण) तो नहीं हो गयी है.