मुजफ्फरपुर में राशि मंजूर होने के बाद भी नहीं पूरा हो सका 9 नये थाने का निर्माण, जानें क्या है वजह
एसएसपी जयंतकांत ने बताया था कि 2012 से ये प्रस्ताव पास थे. लेकिन, जमीन नहीं मिलने के कारण मामला रुका हुआ था. अब जमीन चिन्हित कर लिया गया है. बोचहां और पारू में थाना बनने से क्राइम कंट्रोल में भी बहुत मदद मिलेगी. लेकिन, 2022 के अंत तक एक भी थाने का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
वर्ष 2021 के अंत में जारी की गयी थी राशि
वर्ष 2021 के अंत में ही बोचहां के गरहां और पारू के चक्की सुहागपुर में 7.67 करोड़ रुपये से दोनों थाने के भवन निर्माण की राशि स्वीकृति हुई थी. इस दौरान बताया गया था कि इस राशि से फर्नीचर और अन्य संसाधन भी खरीदे जाएंगे. गृह विभाग ने राशि आवंटित की स्वीकृति दे दी है. ये जी प्लस टू थाना भवन होगा. यानी ग्राउंड फ्लोर के ऊपर दो और फ्लोर होंगे. इसके अलावा सात नया थाना भी बनेगा. जिसमे राजेपुर, रामपुर हरि, यजुआर, झपहां, गन्नीपुर, एसकेएमसीएच में गन्नीपुर और दो थाना का विस्तार किया जाएगा, जिसमे पानपुर (कांटी) और बेला थाना है . वहीं 6.35 करोड़ से हथौड़ी थाना का नया भवन भी बनाया जाएगा. इसके लिए भी राशि की स्वीकृति मिल गई है.
एसएसपी जयंतकांत ने बताया था कि 2012 से ये प्रस्ताव पास थे. लेकिन, जमीन नहीं मिलने के कारण मामला रुका हुआ था. अब जमीन चिन्हित कर लिया गया है. बोचहां और पारू में थाना बनने से क्राइम कंट्रोल में भी बहुत मदद मिलेगी. अहियापुर और दियारा क्षेत्र में अपराध और नक्सल गतिविधि पर पूरी तरह नकेल कसा जा सकेगा. लेकिन, 2022 के अंत तक एक भी थाने का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
मुजफ्फरपुर: जिले में पुलिसिंग को प्रभावी बनाने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए दो नक्सल समेत नौ थाने बनाने का कार्य इस साल भी पूरा नहीं हो पाया. अधिकांश थाने के लिए राशि आवंटन होने और जमीन चिन्हित होने के बावजूद पुलिस भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर की ओर से थाना का नक्शा नहीं तैयार किया गया. इस वजह से नौ नये थाने का निर्माण कार्य नहीं हो पाया.
नहीं बन पाया ट्रैफिक थाने का नया भवन
मोतीझील में दो कमरों में ट्रैफिक थाना चल रहा है. 2019 में जब जिले में ट्रैफिक डीएसपी की तैनाती हुई तो कहा गया कि जल्द ही ट्रैफिक थाने का अपना भवन बनेगा. लेकिन, तीन साल बीत जाने के बावजूद भी ट्रैफिक थाने का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकी है. पहले इसके लिए सिकंदरपुर में मन की जमीन को चिन्हित किया गया था. बाद में पुरानी नगर थाना परिसर में भी भवन बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ. लेकिन, अब तक इसपर मुहर नहीं लग सकी है.
15 हजार पेंडिंग केस के डिस्पोजल बड़ी चुनौती
जिले में पेंडिंग चल रहे 15 हजार से अधिक केस के डिस्पोजल भी जिला पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. एसएसपी ने सभी थानेदारों को पेंडिंग केस के डिस्पोजल को लेकर विशेष टास्क दिया है. फिर, भी पेंडिंग केस के डिस्पोजल की संख्या 15 हजार से नीचे नहीं आ सकी है.