बिहार के कुछ औद्योगिक क्षेत्रों की अब यूनिटें प्राकृतिक गैस से चलेंगी. इन उद्योगों को पर्यावरण के लिए घातक ईंधनों से मुक्ति मिलेगी. इससे इस क्षेत्र की पर्यावरणीय दशाओं में सुधार हो सकेगा. दरअसल बरौनी- गुवाहाटी पाइपलाइन (बीजीपीएल) परियोजना हाल ही में अप्रैल में ही पूरी हुई है. उद्योगों के लिए राहत की बात है कि दूसरे औद्योगिक ईंधनों से यह सस्ती और सुरक्षित होगी. जिससे उद्योग का मुनाफा बढ़ेगा और पर्यावरण भी बेहतर रहेगा.
ऊर्जा गंगा पाइपलाइन परियोजना के तहत हुआ निर्माण
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘ऊर्जा गंगा’ पाइपलाइन परियोजना के तहत बन रहे इस पाइपलाइन के पुरा हो जाने से अब उद्योगों के लिए स्वच्छ प्राकृतिक गैस, वाहनों के लिए सीएनजी और घरों के लिए पीएनजी आसान तरीके से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेगी. साथ ही यह परियोजना लोगों में एक स्वस्थ जीवन शैली को भी बढ़ावा देगी.
282 किलोमीटर में बिहार में फैला है पाइप्लाइन
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक यह परियोजना बिहार में 282 किलोमीटर में है. 1260 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना बिहार के छह जिलों बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज से होकर गुजरती है. सबसे खास बात यह होगी कि इस इलाके में करीब चालीस लाख आबादी को भी पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक गैस और सीएनजी गैस मिलेगी. इस तरह यह परियोजना पर्यावरण के लिहाज से बेहतर साबित होगी.
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औद्योगिक क्षेत्र की यूनिटों को प्राकृतिक गैस में शिफ्ट करने के लिए प्रेरित किया जायेगा
जानकारी के मुताबिक गैस पाइपलाइन के दायरे में आने वाले औद्योगिक क्षेत्र की यूनिटों को प्राकृतिक गैस में शिफ्ट करने के लिए प्रेरित किया जायेगा, ताकि औद्योगिक क्षेत्र पर्यावरणीय लिहाज से साफ- सुथरे हो सकें. इस दिशा में बियाडा जरूरी उपाय करने जा रहा है. बियाडा ने इस गैस के संदर्भ में जरूरी बातें अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा की हैं.