बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने को लेकर क्या आ रही दिक्कत, पटना हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी रिपोर्ट

कोर्ट ने जानना चाहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट एवं अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट स्थापित करने के लिए क्या-क्या अनिवार्यता हैं और बिहार में यह अब तक क्यों नहीं बन पाया है. पटना समेत बिहार के तमाम एयरपोर्ट के विकास को लेकर गुरुवार को पटना हाइकोर्ट में सुनवाई हुई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2022 10:35 AM

पटना. पटना हाइकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है कि राज्य में ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट को लेकर उसकी क्या नीति है और उसके विकास के लिए सरकार क्या कर रही है. कोर्ट ने जानना चाहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट एवं अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट स्थापित करने के लिए क्या-क्या अनिवार्यता हैं और बिहार में यह अब तक क्यों नहीं बन पाया है. पटना समेत बिहार के तमाम एयरपोर्ट के विकास को लेकर गुरुवार को पटना हाइकोर्ट में सुनवाई हुई.

जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

बिहार में एयरपोर्ट के निर्माण, विकास एवं उसके नवीनीकरण को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामले में की गयी कार्रवाई की जानकारी अगली सुनवाई में शपथ पत्र दायर कर कोर्ट को दे. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर की गयी लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

प्रगति रिकार्ड अदालत में पेश करे सरकार

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह और अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि वह राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए कितने गंभीर हैं. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह विभिन्न एयरपोर्ट के निर्माण से संबंधित प्रगति और रिकॉर्ड को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश करे.

बिहार में कोई ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट नहीं

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया कि बिहार में एक भी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि 70 वर्ष से पटना अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आज तक एक भी अंतराष्ट्रीय विमान का परिचालन नहीं हुआ है. राजीव प्रताप रूडी ने अदालत से कहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के सम्बन्ध में बिहार सरकार राज्य में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है.

अगली सुनवाई दीपावली के बाद

कोर्ट ने कहा है कि बिहार जैसे राज्य में अब तक उड्डयन क्षेत्र समूचित विकास नहीं हो पाया है. सभी पक्षों को अगली सुनवाई तक अपना पक्ष कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर दीपावली अवकाश के बाद सुनवाई की जाएगी.

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