पटना एयरपोर्ट पर हर दो-तीन मिनट में उतर सकेंगे विमान, दिसंबर तक पूरा होगा पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण
पटना एयरपोर्ट पर पैरेलल टैक्सी ट्रैक के निर्माण के बाद विमानों की लैंडिंग ज्यादा बेहतर होगी. इसकी वजह से विमान की लैंडिंग के एक-डेढ़ मिनट के बाद ही रनवे पूरी तरह खाली हो जायेगी और हर 2-3 मिनट पर विमान उतर सकेंगे.
पटना एयरपोर्ट पर पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण दिसंबर तक पूरा होगा. इस वर्ष जनवरी में इसका निर्माण शुरू हुआ था और जुलाई तक इसे पूरा होना था, लेकिन दिये गये जमीन पर कुछ अवरोध होने के कारण लगभग तीन महीने इस प्रोजेक्ट का काम रुका रहा और अभी भी इसके मार्ग में आ रहे बीएमपी स्कूल को तोड़ कर हटाना बाकी है, जिसमें कम से कम एक महीने लगेंगे. ऐसे में यह दिसंबर से पहले इसका निर्माण पूरा नहीं हो पायेगा.
1389 मीटर ट्रैक में 900 मीटर का अब तक हुआ है निर्माण
पैरेलल टैक्सी ट्रैक की कुल लंबाई 1389 मीटर है. इसमें से अब तक केवल 900 मीटर ट्रैक तैयार हो पाया है. इस प्रकार केवल 64 फीसदी काम हुआ है, जबकि टाइमलाइन के अनुसार अब तक इसका 90 फीसदी काम पूरा हो जाना चाहिए था. देरी की मुख्य वजह फुलवारी जेल के समीप निर्माणाधीन ट्रांसपोर्ट परिसर की जमीन का एक हिस्सा था जिसे एयरपोर्ट ऑथोरिटी को हस्तांतरित किया गया था. इस पर उसके निर्माण से जुड़े मजदूरों का हटमेंट बना था. उसे हटाने में लगभग तीन महीने का समय लग गया और पूरी परियोजना लेट हो गयी.
हर दो-तीन मिनट पर उतर सकेंगे विमान
इन दिनों पटना एयरपोर्ट पर विमान लैंडिंग के बाद रनवे से ही होकर वापस टैक्सी ट्रैक पर आती है. इसके कारण लैंडिंग के बाद दो से तीन मिनट तक रनवे इंगेज रहता है और चार-पांच मिनट के अंतराल पर ही दूसरे विमान की लैंडिंग हो पाती है. लेकिन पैरेलल टैक्सी ट्रैक के निर्माण के बाद रनवे पर उतरने के बाद उसके अंतिम सिरे से विमान दूसरे सिरे तक वापस होकर टैक्सी ट्रैक का सिरा पकड़ने की बजाय बीच से ही लिंक वे पकड़ कर पैरेलल टैक्सी ट्रैक पर आ जायेगी. इससे लैंडिंग के एक-डेढ़ मिनट के बाद ही रनवे पूरी तरह खाली हो जायेगी और हर 2-3 मिनट पर विमान उतर सकेंगे.
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नये टर्मिनल भवन के निर्माण के बाद जरूरी होगा ऑपरेटिंग क्षमता को बढ़ाना
पटना एयरपोर्ट पर इन दिनों 1216 करोड़ खर्च कर सलाना 80 लाख यात्रियों के आने-जाने की क्षमता वाला विशाल टर्मिनल भवन बनाया जा रहा है. इसके बनने के बाद जल्द ही पटना से आने जाने वाले फ्लाइटों की संख्या 100 जोड़ी से अधिक हो जायेगी. इतने विमानों को खड़ा करने के लिए 10 पार्किंग बे और पांच एयरोब्रिज भी यहां बनाये जा रहे हैं. ऐसे में रनवे की क्षमता विस्तार भी बेहद जरूरी था, ताकि पिक आवर में हर दो-तीन मिनट पर विमानों की लैंडिंग संभव हो सके. इसको देखते हुए ही पैरेलल टैक्सी ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है.