भागलपुर में बाइपास के लिए चयनित सड़कों के निर्माण की योजना ड्राॅप, फुट ओवरब्रिज भी नहीं बनेंगे

Bhagalpur News: भागलपुर में फुट ओवरब्रिज, अंडरपास व वैकल्पिक बाइपास के रूप में चयनित सड़कों के निर्माण की योजना को ड्राॅप कर दिया गया है. इसके लिए मुख्यालय ने न तो फंड दिया और न ही प्रपोजल को अस्वीकृत करने का कारण बताया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2022 3:27 AM

भागलपुर: सिटी की सड़कों पर फुटओवरब्रिज व अंडरपास का निर्माण अब नहीं होगा. वैकल्पिक बाइपास के रूप में चिह्नित सड़कें भी नहीं बनेंगी. बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था को देख इन तीनों प्रोजेक्ट के लिए पथ निर्माण विभाग, कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने प्रपोजल तैयार किया था. इसे अब ड्राॅप कर दिया गया है.

फुट ओवरब्रिज का निर्माण होता, तो स्कूली बच्चों को सड़क पार करने में आसानी होती. अंडरपास बनता, तो अधिवक्ताओं को भी एक ओर से दूसरी ओर जाने की सुविधा मिलती. वहीं, वैकल्पिक बाइपास के रूप में सड़कें बनतीं, तो शहर जाम मुक्त होता.

ढाई साल से स्वीकृति के नाम पर हो रहा था टालमटोल

फुट ओवरब्रिज, अंडरपास एवं वैकल्पिक बाइपास के रूप में सड़कों को बनाने के लिए ढाई साल से स्वीकृति के नाम पर मुख्यालय से टालमटोल होता रहा. हालांकि मुख्यालय को कई बार रिमांइडर भी भेजा गया था.

यहां बनने थे फुट ओवर ब्रिज

शहर में फुट ओवरब्रिज (एफओबी) का निर्माण चार जगहों पर होना था. सभी एफओबी स्कूल के सामने बनने थे. बरारी रोड में कार्मेल स्कूल के सामने, दाउदवाट में न्यू होरिजन स्कूल, अलीगंज में सेंट टेरेसा स्कूल व तिलकामांझी रोड में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के सामने फुट ओवरब्रिज का निर्माण होना था.

यहां होना था अंडरपास का निर्माण

अंडरपास का निर्माण घूरनपीरबाबा चौक से कचहरी चौक के बीच होना था, क्योंकि सड़क के दोनों ओर व्यवहार न्यायालय है. अंडरपास के निर्माण से अधिवक्ताओं को रोड क्रॉस करने में दिक्कत नहीं होती.

इन सड़कों को किया गया था वैकल्पिक बाइपास के लिए चयनित

  • घंटाघर से आदमपुर बाया खंजरपुर-मायागंज अस्पताल पथ : 4.4 किमी

  • नवगछिया-महादेवपुर घाट पथ : 11.9 किमी

  • शाहकुंड-असरगंज पथ : 14 किमी

  • जगदीशपुर-सन्हौला पथ : 18.75 किमी

सड़कें बनतीं तो कितना आता खर्च

वैकल्पिक बाइपास के रूप में चयनित सड़कें बनतीं, तो इस पर करीब 170 करोड़ का खर्च आता. प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजा गया था. इसमें घंटाघर से आदमपुर बाया खंजरपुर-मायागंज अस्पताल पथ के लिए 12 करोड़ रुपये, नवगछिया-महादेवपुर घाट पथ के लिए 42 करोड़ रुपये, शाहकुंड-असरगंज पथ के लिए 37 करोड़ रुपये एवं जगदीशपुर-सन्हौला पथ के लिए 79 करोड़ रुपये शामिल था.

स्मार्ट सिटी से वैकल्पिक बाइपास के रूप में एक सड़क बन रही

गनीमत है कि वैकल्पिक बाइपास के रूप में चयनित चार सड़कों में एक घंटाघर से आदमपुर बाया खंजरपुर-मायागंज अस्पताल रोड स्मार्ट सिटी से बन रहा है. इसमें भी पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय ने कारनामा दिखा दिया. पहले मंजूरी नहीं दी और अब जब यह बन रहा है, तो स्वीकृत कर दिया. पथ निर्माण विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने भी स्वीकृति रद्द करने से संबंधित पत्र लिख दिया.

दोगच्छी टू जीरोमाइल रोड: मिनिस्ट्री ने लगा दी है मुहर, फिर भी जारी नहीं हो रहा एजेंसी को वर्क ऑर्डर

सिटी के मेन रोड को बनवाने के लिए चयनित एजेंसी के नाम पर मिनिस्ट्री ने मुहर लगा दी है. बावजूद इसके काम शुरू कराने के लिए एजेंसी को वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो सका है. दरअसल, मुंगेर की एजेंसी ने टेंडर राशि से नौ प्रतिशत अधिक पर टेंडर भरा था. इस कारण स्वीकृति के लिए फाइल मिनिस्ट्री चली गयी थी. वहां से स्वीकृत कर दिया गया है, मगर मुख्यालय पटना से भागलपुर को लेटर नहीं मिला है. इस सड़क का निर्माण करीब नौ करोड़ से होना था, लेकिन अब नौ प्रतिशत अधिक राशि से बनेगी. इसके बनने से सड़क चकाचक हो जायेगी और गाड़ियां फर्राटा भरेंगी.

बोले- पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह ने कहा कि फुट ओवरब्रिज और अंडरपास के निर्माण को मंजूरी नहीं मिली और यह अब नहीं बनेगा. वैकल्पिक बाइपास के रूप में विकसित होनेवाली चार सड़कों में एक स्मार्ट सिटी से बन रही है. बाकी तीन सड़कों को मंजूरी ही नहीं मिली. दोगच्छी से जीरोमाइल रोड के लिए मिनिस्ट्री से स्वीकृति मिल गयी है. पटना से लेटर मिलते ही वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जायेगा.

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