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पटना में इस जगह आपस में मिलेंगे तीन फ्लाईओवर, करबिगहिया में रोटरी का निर्माण शुरू

करबिगहिया गोलंबर (रोटरी) के पास तीन फ्लाइओवर मिलेंगे. न्यू बाइपास की ओर जानेवाले, कंकड़बाग फ्लाइओवर को जोड़ने के लिए करबिगहिया होते हुए बनने वाले नये फ्लाइओवर व जीपीओ फ्लाइओवर मिलेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2023 2:38 AM
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पटना में करबिगहिया के पास गोलंबर (रोटरी) का निर्माण शुरू हो गया है. रोटरी का निर्माण होने पर तीन फ्लाइओवर वहां एक दूसरे से मिलेंगे. इससे शहर से न्यू बाइपास व कंकड़बाग की ओर आने-जाने में सुविधा होगी. चार डिसमिल जमीन नहीं मिलने की वजह से पिछले दो साल से रोटरी निर्माण का काम बाधित था. डीएम के द्वारा सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गयी है. बाधित जमीन के हिस्से में बचे हुए स्ट्रक्चर को खाली करने का काम हो रहा है. साथ ही अधूरी पाइलिंग का निर्माण भी शुरू हो गया है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि चार डिसमिल जमीन में बहुत सारा हिस्सा खाली था. कुछ हिस्से में स्ट्रक्चर होने की वजह से काम रुका हुआ था. बची हुई जमीन का अधिग्रहण हो रहा है.

गोलंबर पर तीन फ्लाइओवर मिलेंगे

करबिगहिया गोलंबर (रोटरी) के पास तीन फ्लाइओवर मिलेंगे. न्यू बाइपास की ओर जानेवाले, कंकड़बाग फ्लाइओवर को जोड़ने के लिए करबिगहिया होते हुए बनने वाले नये फ्लाइओवर व जीपीओ फ्लाइओवर मिलेंगे. चार डिसमिल जमीन नहीं मिलने के कारण गोलंबर का निर्माण काम बाधित रहा. इससे न्यू बाइपास, कंकड़बाग व जीपीओ को जोड़नेवाले फ्लाइओवर का काम रुका रहा. गोलंबर बनने पर फ्लाइओवर को उससे जोड़ना है.

फ्लाइओवर को जोड़ने के लिए रिवाइज एस्टीमेट का इंतजार

सूत्र ने बताया कि फ्लाइओवर को आपस में जोड़ने के लिए रिवाइज एस्टीमेट का इंतजार हो रहा है. न्यू बाइपास की ओर जानेवाले फ्लाइओवर को ऊपर से ही जीपीओ फ्लाइओवर में जोड़ने की योजना है. इसके निर्माण पर होनेवाले खर्च को लेकर एस्टीमेट तैयार हो रहा है.

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दो साल से निर्माण का काम था बाधित

पटना जंक्शन के करबिगहिया साइड से 150 मीटर पश्चिम बननेवाले गोलंबर का काम दो साल से बाधित था. जिला प्रशासन ने गोलंबर के पास जमीन को खाली कराया था. इसके बाद दो पाइलिंग का काम होने के बाद निर्माण स्थल से ठीक सटे पूरब साइड में एक मकान होने से तीसरी पाइलिंग का काम बाधित रहा. वहां रैयत द्वारा मुआवजा राशि नहीं मिलने को लेकर काम बाधित किया गया था. हालांकि, पुल निर्माण निगम की ओर से जिला प्रशासन के पास मुआवजा राशि जमा की गयी थी. जिला प्रशासन की ओर से तहकीकात करने पर रैयत के दावे को गलत करार दिये जाने से मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया. इसके खिलाफ रैयत हाइकोर्ट की शरण में चला गया, जिसके बाद हाइकोर्ट ने निर्माण कार्य पर स्टे लगा दिया गया था. हाइकोर्ट ने डीएम को सुनवाई करने का आदेश दिया था. जिसके बाद डीएम ने सुनवाई की और अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई.

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