17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार: सहरसा-उमगांव एनएच का निर्माण 2025 तक होगा पूरा, सुपौल, सहरसा, मधुबनी आने-जाने वालों को मिलेगी सुविधा

सहरसा-उमगांव एनएच का निर्माण 2025 तक पूरा होने की संभावना है. इसका निर्माण बरसात के मौसम के बाद शुरू हो जाएगा. पश्चिमी कमला बांध से सुपौल के परसरमा के बीच कोसी नदी पर बनने वाले पुल की धीमी प्रगति और जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण फिलहाल इसके निर्माण में देरी हो रही है.

बिहार में सहरसा-उमगांव एनएच-227 एल, 227जे, एनएच-527 ए करीब 140 किमी लंबाई में निर्माण कार्य इस साल बरसात के बाद पूरा होने की संभावना है. साथ ही यह 2025 में बनकर तैयार हो सकेगा. इस सड़क निर्माण में देरी का कारण फिलहाल पश्चिमी कमला बांध से सुपौल के परसरमा के बीच कोसी नदी पर बनने वाले पुल की धीमी प्रगति और जमीन अधिग्रहण की समस्या है. पश्चिमी कमला बांध से सुपौल के परसरमा के बीच एप्रोच सहित करीब 13 किमी लंबाई में इस पुल का निर्माण इस साल पूरा होने की संभावना है. वहीं जमीन अधिग्रहण में जमीन मालिकों को मुआवजे की गति बढ़ाने का जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है.

1101 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा निर्माण

सूत्रों के अनुसार पुल सहित एप्रोच रोड का निर्माण करीब 13.3 किमी लंबाई में करीब 1101 करोड़ रुपये की लागत से फरवरी 2020 से हो रहा है. इसके निर्माण से मधुबनी से सुपौल के लिए नया रास्ता मिल सकेगा. साथ ही पहले के मुकाबले मधुबनी और सुपौल की दूरी करीब 50 किमी घट जायेगी. इसके साथ ही सीमांचल और मिथिलांचल के बीच आवागमन में सुविधा बढ़ जायेगी. गौरतलब है कि इस सड़क के निर्माण में देरी पर पिछले दिनों पटना हाइकोर्ट ने भी पूरी जानकारी मांगी थी. साथ ही इस सड़क के निर्माण में तेजी लाने का आदेश दिया था.

उमगांव से कलुआही सड़क को मिला था एनएच का दर्जा

उमगांव से कलुआही जाने वाली करीब 21.6 किमी लंबाई में मुख्य सड़क को नेशनल हाइवे का दर्जा दिया गया था. इसका नामकरण 227एल किया गया था. यह सड़क भी सहरसा-उमगांव एनएच का हिस्सा है. इसकी चौड़ाई भी बढ़ाकर दो लेन किया जायेगा. इसमें भी जमीन अधिग्रहण का मुआवजा देने की गति बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.

Also Read: बिहार के राजमार्गों के बेहतर करने के लिए 295 मिलियन डॉलर देगा ADB, जानिए राज्य सरकार पर अभी कितना लोन

एनएच 107 के निर्माण के लेकर जिलाधिकारी लगातार कर रहे निरीक्षण व बैठक

सहरसा के जिलाधिकारी वैभव चौधरी एनएच 107 की लगातार निरीक्षण व बैठक कर एनएच 107 के कार्यों पर नजर रख रहे हैं. साथ ही यह भी जायाज ले रहे हैं कि गुणवत्ता के अनुरूप कार्य कराया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 107 पैकेज एक की सड़क खगड़िया जिले के महेशखूंट से शुरू होकर सहरसा होते हुए मधेपुरा तक जाती है. इसकी कुल लंबाई 90 किलोमीटर है. इसका निर्माण कार्य जीडीसीएल कंपनी के द्वारा किया जा रहा है. एनएच 107 तीन जिलों में बंटा हुआ है. इसमें खगड़िया जिले के तहत 30.15 किलोमीटर, सहरसा जिले के तहत 53.60 किलोमीटर व मधेपुरा जिले के तहत 6.25 किलोमीटर सड़क आती है. इसका निर्माण कार्य 20 दिसंबर 2019 को शुरू हुआ व इसकी निर्माण कार्य पूर्ण करने की अवधि 19 दिसंबर 2021 थी. लेकिन कोविड एवं अन्य कारणों के कारण इसके निर्माण में देरी हुई. एनएचएआइ द्वारा इसको पूर्ण का लक्ष्य 31 मार्च 2024 रखा गया है. सहरसा जिले में सड़क की कुल लंबाई 53.60 किलोमीटर है. इसमें मुख्य सड़क 36.40 किलोमीटर व बाईपास 17.20 किलोमीटर है. सोनवर्षा राज बाईपास व सिमरी बख्तियारपुर बाईपास में भी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. दिये गये लक्ष्य के अनुसार इसे 31 मार्च 2024 तक पूर्ण कर लिया जायेगा.

जमीन अधिग्रहण का मुआवजा बांटने में देरी से कई सड़कों का निर्माण प्रभावित

राज्य में जमीन अधिग्रहण का मुआवजा बांटने में देरी से कई सड़कों का निर्माण प्रभावित हो रहा है. हालत यह है कि थ्री जी अवार्ड हो चुकी परियोजनाओं का मुआवजा करीब 13 हजार 522 करोड़ जमीन मालिकों को दिया जाना था. यह राशि बांटने में करीब छह महीने से अधिक विलंब हो चुका है. अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपये नहीं बंट सके हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए पिछले दिनों मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है.

Also Read: Patna Metro Project: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे लंबा अंडरग्राउंड स्टेशन, जानें इसकी खासियत

एनएच की करीब 30 परियोजनाओं पर काम होना है

सूत्रों के अनुसार फिलहाल राज्य में एनएच की करीब 30 परियोजनाओं पर काम होना है. इसमें से फिलहाल आठ जिलों की करीब पांच परियोजनाएं जमीन अधिग्रहण में मुआवजा बांटने सहित अन्य समस्याओं से प्रभावित हो रही हैं. कई मामलों में नियमानुसार जमीन का अधिग्रहण कर लिया जाता है. उस पर जमीन मालिकों से दखल -कब्जा भी प्राप्त कर लिया जाता है. जब मुआवजा देने में देरी होती है, तो जमीन मालिक निर्माण स्थल पर अवरोध पैदा करते हैं. ऐसे में काम रुक जाता है. वहीं सड़क निर्माण में विलंब होने से इसकी लागत बढ़ जाती है. कई मामलों में फिर से निर्माण एजेंसी का चयन करना पड़ता है, इसमें अधिक विलंब हो जाता है. इससे राज्य का विकास भी प्रभावित होता है.

इन परियोजनाओं में मुआवजा बाकी

  • पटना रिंग रोड एनएच-131जी का सिक्सलेन कन्हौली-रामनगर सेक्शन का निर्माण करीब 39.16 किमी लंबाई में हो रहा है.

  • एनएच-31 का फोरलेन बख्तियारपुर-मोकामा सेक्शन का निर्माण करीब 44 किमी लंबाई में हो रहा है.

  • फोरलेन पटना-गया-डोभी पैकेज-2 करीब 44 किमी लंबाई में जमीन अधिग्रहण के मुआवजे की राशि देने में देरी .

  • एनएच-527सी मझौली से चौरोट सेक्शन पेव्ड सोल्डर सहित दो लेन सड़क का निर्माण.

  • फोरलेन मुंगेर से मिर्जाचौकी एनएच-80 पैकेज-1 में मुंगेर से खरिया गांव तक.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें