पटना. बिहार में कुछ एनएच परियोजनाओं का निर्माण मुआवजे की पेंच से अटका हुआ है. जमीन अधिग्रहण के मुआवजे की राशि उपलब्ध होने के बावजूद संबंधित अधिकारी को राशि वितरण का अधिकार सहित अन्य तकनीकी शक्ति नहीं मिली है. इस कारण मुआवजे का काम अटका है. इसके अविलंब निदान के लिए पिछले महीने जिला स्तर से सरकार को रिपोर्ट भेजी गयी है. इसमें एनएच-333ए, एनएच-134, एनएच-107 सहित सारण, पटना रिंग रोड के कुछ हिस्से, छपरा बाइपास और हाजीपुर-छपरा सड़क शामिल हैं.
एनएच-333ए
सूत्रों के अनुसार लखीसराय जिले में एनएच-333ए, बरघीघा-जमुई-बांका-पंजवार के लखीसराय में पड़ने वाले हिस्से का निर्माण होना है. इसमें मुआवजे का पेच फंसा है. लखीसराय के जिला अधिकारी ने भू अर्जन निदेशालय के निदेशक यह रिपोर्ट भेजी है कि जिला भू अर्जन पदाधिकारी को मुआवजे की राशि वितरित किये जाने की शक्ति दी गयी है, लेकिन उसे सीएफएमएस से पीएल मैपिंग नहीं हो पायी है. इस कारण मुआवजा भुगतान का मामला अटका है.
पूर्णिया-कटिहार एनएच-134
वहीं, कटिहार में पूर्णिया-कटिहार एनएच-134 सहित गंगा पर एक पुल का निर्माण होना है. इसमें जमीन अधिग्रहण की समस्या से काम बाधित है. कटिहार के जिलाधिकारी ने भू अर्जन निदेशालय के निदेशक को यह पत्र लिखा है कि वहां के भूमि सुधार उप समाहर्ता, कटिहार को अपने कार्यों के अतिरिक्त जिला भू अर्जन पदाधिकारी, कटिहार एवं निबंधक भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्स्थापन प्राधिकार का जिम्मा दिया गया. उन्हें राशि बांटे जाने का अधिकार ही नहीं मिला. इस कारण मुआवजे का वितरण अटका है.
पूर्णिया-मधेपुरा-सहरसा एनएच-107
पूर्णिया में एनएच-107 यानी पूर्णिया-मधेपुरा-सहरसा का निर्माण कराया जा रहा. इसमें भी मुआवजे का पेच फंसा है. इस संबंध में पूर्णिया के जिलाधिकारी ने सरकार को रिपोर्ट भेजी है. इसमें कहा गया है कि भू अर्जन कार्यों के लिए उनके यहां जिम्मेदार अधिकारी के पास राशि की निकासी और व्ययन की शक्ति ही नहीं मिली है. ऐसे में मुआवजा बांटने का काम बाधित है.