पटना. राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में परिवहन परिसर का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था और यह अगले साल पूरा हो जायेगा. यह परिसर करीब साढ़े आठ हेक्टेयर में करीब 164 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इसमें परिवहन विभाग से जुड़े कई कार्यालय बन रहे हैं जिससे एक ही परिसर में पहुंचकर कोई भी व्यक्ति अपना काम करवा सकेगा.
अब डीटीओ, आरटीओ कार्यालय और बस डीपो तीनों एक ही कैंपस में होंगे. अब आरा, बक्सर, सासाराम, भभुआ, छपरा आदि के लिए बसों की सुविधाएं यहीं से उपलब्ध हो सकेगी. वहीं सीटी बसों का परिचालन भी यहां से किया जायेगा.
इसमें बिहार स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन का कार्यालय जी प्लस थ्री, डीटीओ आॅफिस जी प्लस टू, रिजनल ऑफिस और बस टर्मिनल जी प्लस वन, सेंट्रल वर्कशॉप ऑफिस ग्राउंड फ्लोर, सेंट्रल वर्कशॉप ग्राउंड फ्लोर, कवर्ड बस पार्किंग शेड ग्राउंड फ्लोर, डिपो वर्क शॉप ग्राउंड फ्लोर, ड्राइविंग टेस्ट ऑफिस ग्राउंड फ्लोर, सेंट्रल स्टोर और ऑफिस ग्राउंड फ्लोर, रेसिडेंसियल टाइप ए क्वार्टर्स जी प्लस टू, रेसिडेंसियल टाइप बी क्वार्टर्स जी प्लस टू, रेसिडेंसियल टाइप सी क्वार्टर्स जी प्लस टू परिवहन विभाग अपने सभी कार्यालयों को एक जगह लाने के लिए परिवहन परिसर का करीब 85,793.36 वर्ग मीटर में करीब 164 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण करवा रहा है. इस परिसर की 20 फीसदी जमीन को हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा.
परिसर में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के मुख्यालय भवन के साथ परिवहन निगम का क्षेत्रीय कार्यालय भी बनेगा। इसी परिसर में निगम की केंद्रीय कर्मशाला, केंद्रीय भंडार व प्रतिष्ठान कर्मशाला का भी निर्माण होगा। नगर सेवा की बसों के लिए अलग से 58.39 वर्ग मीटर में नया बस टर्मिनल बनेगा. 1096 वर्ग मीटर में 200 बसों के लिए नया बस पड़ाव बनाया जाएगा. यहीं से नगर सेवा की बसें खुलेंगी.
इस बस पड़ाव को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा. यात्रियों की सुविधा के लिए अलग से डीलक्स शौचालय रहेगा. बस टर्मिनल पर एयरपोर्ट व स्टेशन की तरह फूड काउंटर्स रहेंगे. यहां यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इलेक्ट्रिक बसों के लिए अलग से बस पड़ाव बनाया जाएगा. अभी इस बस पड़ाव में 25 बसों को रखा जाएगा. बसों की पार्किंग और चार्जिंग के लिए अलग से व्यवस्था कराई जाएगी.
इसी परिसर में अलग से जिला परिवहन कार्यालय का निर्माण होगा. इसके लिए 6000 वर्ग मीटर जगह दी गई है. इस परिसर में डीटीओ कार्यालय के साथ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का भी कार्यालय होगा. लर्निग लाइसेंस व स्थायी वाहन चलाने के लाइसेंस के लिए अलग-अलग काउंटर्स बनेंगे. एमवीआइ के बैठने के लिए अलग से इसी भवन में कार्यालय बनेगा. वाहनों की जांच के लिए गठित टीम के लिए अलग से व्यवस्था होगी. साथ ही अलग से कंप्यूटरीकृत ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर का भी निर्माण करवाया गया है.
निर्माण कार्य का शिलान्यास भी हो चुका है. दो वर्षो में भवन निर्माण का कार्य पूरा कर लेना है. कर्मचारियों के लिए बनेगी चार मंजिला आवासीय कॉलोनी इसी परिसर में परिवहन निगम में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अलग से 3565.35 वर्ग मीटर में बहुमंजिला इमारतों की आवासीय कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया गया है.
यात्रियों के लिए मुफ्त इंटरनेट की भी सुविधा दी जायेगी. लोग वाई-फाई की सुविधा का आनंद ले सकेंगे. कैंपस के अंदर हाइजीन का ख्याल भी रखा जायेगा. यहां केवल पैक्ड फूड को ही बेचने की इजाजत होगी. यहां डिलक्स शौचालय की भी सुविधा प्रदान की जायेगी. एयरपोर्ट में जिस तरह के फूड काउंटर देखे जाते हैं वो सुविधा यहां भी मिलेगी. कैंपस में पर्यावरण का भी ख्याल रखा जायेगा. यहां के 20 फीसदी हिस्से पर हरियाली देखी जायेगी.
Posted by Ashish Jha