भारतमाला प्रोजेक्ट: पटना में प्रशासन ने जबरन शुरू कराया एनएच का काम, विधायक ने कराया बंद

धनरूआ प्रखंड के आधा दर्जन से ऊपर गांवों के किसान एक सप्ताह से अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को लेकर आंदोलित हैं. किसानों ने एक्स्प्रेसवे का काम भी रोक रखा है. बुधवार को प्रशासन ने जब जबरन काम शुरू कराया तो स्थानीय विधायक ने उसे रुकवा दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2023 2:07 AM

पटना जिले के धनरूआ के नोनियाबिगहा गांव के जगशाला के पास बुधवार सुबह प्रशासन किसानों पर बल प्रयोग करते हुए उन्हें वहां से खदेड़ दिया. इसके बाद जबरन पुलिस की मौजूदगी में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत आमस ( औरंगाबाद) से जयनगर ( मधुबनी) तहत बनने वाले एक्सप्रेस-वे एनएच-119 डी के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गयी भूमि पर समतलीकरण का कार्य शुरू करा दिया गया. इधर मौके पर जुटे सैकड़ों ग्रामीणों ने इसे लेकर नारेबाजी की लेकिन पुलिस के भय के आगे उनकी नहीं चल पायी.

विधायक ने बंद कराया काम 

इस बीच बुधवार दोपहर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत स्थानीय विधायक रेखा देवी मौके पर पहुंचीं और काम बंद कराया. मौके पर जुटे स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने घोषणा कि की काम तब तक बंद रहेगा, जब तक डीएम मौके पर आकर किसानों की समस्या का समाधान नहीं निकाल देते हैं. इसके साथ काम बंद हो गया.

मुआवजा को लेकर किसान कर रहे आंदोलन 

गौरतलब है कि धनरूआ प्रखंड के आधा दर्जन से ऊपर गांवों के किसान एक सप्ताह से अधिग्रहित भूमि के मुआवजे को लेकर आंदोलित हैं. मंगलवार को मानिकबिगहा में समतलीकरण का कार्य संपन्न करा स्थानीय प्रशासन भारी संख्या में पुलिस बल को मौजूदगी में छाती पंचायत के नोनायाबिगहा गांव स्थित जगशाला के पास कार्य को जबरन शुरू करा दिया था.

स्थानीय प्रशासन के साथ विधायक ने की बैठक

किसानों के हंगामा के बाद पहुंचीं विधायक ने नोनियाबिगहा स्थित सामुदायिक भवन में बैठक की. बैठक में विधायक के अलावा एसडीओ प्रीति कुमारी, एएसपी शुभम आर्य, डीसीएलआर अमित कुमार पटेल, बीडीओ सह सीओ शैलजा पांडेय, मसौढ़ी के सीओ मृत्युंजय कुमार, धनरूआ के राजस्व अधिकारी मधुमिता, भू अर्जन पदाधिकारी रंजन कुमार चौधरी समेत अन्य लोग मौजूद थे. विधायक ने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया कि अपनी बात डीएम तक पहुंचाते हैं लेकिन किसानों की बात आपके द्वारा वहां तक नहीं पहुंचाई जाती.

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भूअर्जन पदाधिकारी पर विधायक ने लगाया आरोप 

विधायक ने सवाल किया कि जब सरकार जमीन रजिस्ट्री के लिए चार विभिन्न मापदंड के अनुसार फीस लेती है. उक्त मापदंड में कृषि, आवासीय, वाणिज्यिक एवं प्रगतिशील शामिल हैं. उन्होंने पूछा कि मुआवजा में इस मापदंड को क्यों नहीं अपनाया जा रहा है. वहीं विधायक प्रतिनिधि उपेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि जो किसान मुआवजे की राशि का दो प्रतिशत भूअर्जन पदाधिकारी को चढ़ावा दे देता हैं उसे मुआवजा तुरंत मिल जाता है. जो चढ़ावा नहीं देता उसे टहलाया जाता है.

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