आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का नहीं शुरू हो पाया निर्माण कार्य, मुआवजे के लिए अड़े रहे रैयत
कंपनी के अधिकारियों व कर्मियों ने रैयतों को काफी समझाने का प्रयास किया. लेकिन, रैयत नहीं माने. बताया जाता है कि आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे में जा रही भूमि को बिहार सरकार की सूची में दर्शाये जाने से स्थानीय रैयतों में काफी गुस्सा है.
आमस. आमस प्रखंड के रैयतों के आक्रोश के कारण मंगलवार को आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. कंपनी के अधिकारियों व कर्मियों ने रैयतों को काफी समझाने का प्रयास किया. लेकिन, रैयत नहीं माने. बताया जाता है कि आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे में जा रही भूमि को बिहार सरकार की सूची में दर्शाये जाने से स्थानीय रैयतों में काफी गुस्सा है.
आक्रोशित रैयतों ने शुरू नहीं होने दिया कार्य
भारतमाला परियोजना के अधीन उक्त सड़क का निर्माण कार्य आक्रोशित रैयतों ने शुरू नहीं होने दिया. रैयतों के गुस्से के कारण परियोजना के अधिकारियों व कर्मियों को मशीन आदि लौटाना पड़ा. परियोजना के लोग मशीन और काफी पुलिस बल के साथ निर्माण कार्य शुरू करने पहुंचे थे, लेकिन, उन्हें वापस लौटना पड़ा.
जमीन का उचित मुआवजा मांग रहे हैं रैयत
रैयतों का कहना है कि जब तक जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया जायेगा, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं करने दिया जायेगा. प्राप्त सूचना के अनुसार, एक्सप्रेस-वे में धर्मपुर, तीनकोनी और गंगटी गांव के दर्जनों रैयतों की कई एकड़ जमीन जा रही है. सुरेंद्र यादव, राम रेखा सिंह यादव, रामकेवल यादव और देवा यादव आदि रैयतों का कहना है कि जब तक मुआवजा नहीं दिया जायेगा, तब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं करने दिया जायेगा.
रैयतों से बात के लिए हो रही है बैठक
मौके पर दंडाधिकारी के रूप में उपस्थित राजस्व कर्मचारी राम विकास सिंह ने बताया कि गंगटी, तीनकोनी और धर्मपुर के लोग मुआवजा की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लोगों को समझाने के लिए गंगटी में बैठक की गयी. इसमें कंपनी के शकलदेव यादव आदि भी उपस्थित रहे. अधिकारियों द्वारा काफी देर तक बातचीत करने के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हो सका.