22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बक्सर में बिना मुआवजा दिये ही फसल लगी खेतों में निर्माण कार्य शुरू, किसानों ने विरोध कर रोका

बक्सर में बिना मुआवजा दिये ही फसल लगी खेतों में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया. इसके बाद प्रभावित किसानों के अनुरोध पर सैकड़ों किसान चौसा जाकर चल रहे कार्यों को रोकते हुए स्थल पर धरनागत हो गये.

बक्सर के चौसा से बड़ी खबर सामने आ रही है. प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के तत्वावधान रविवार को 84 वें दिन भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा. धरना की अध्यक्षता तेतरी देवी तथा संचालन शिवजी यादव ने की. बीते शनिवार को धरना शांतिपूर्वक चल ही रहा था तभी सूचना मिली की चौसा में प्रशासन एवं एसजेवीएन के पदाधिकारियों द्वारा जबरन किसानों के खेतों में लगी फसल को रौंदते हुए वाटर पाइपलाईन का कार्य कराया जा रहा है. प्रभावित किसानों के अनुरोध पर धरनास्थल से सैकड़ों किसान चौसा जाकर चल रहे कार्यों को रोकते हुए स्थल पर धरनागत हो गये. तत्पश्चात वहां उपस्थित परियोजना पदाधिकारियो एवं प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए समाधान होने तक धरना अनवरत जारी रहेगा.

चौसा मौजा में भूमि पर कब्जा किसी का, नोटिस थमा दिया किसी और को

बतादें कि निर्माणाधीन थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए वाटर पाइपलाइन और रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण की जा रही किसानों की भूमि का बगैर मुआवजा दिऐ ही विभिन्न मौजे में कंपनी व प्रशासन के द्वारा सीमांकन करा लिया गया है. अब जगह – जगह निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है. जिसमें कई किसान ऐसे है जिनकों भूमि अधिग्रहण की नोटिस तक नहीं प्राप्त है. जब कंपनी के द्वारा चौसा मौजा में वाटर पाइपलाईन व रेल कारिडोर बिछाने के लिए फसल लगे किसानों के खेतों में खुदाई करने का कार्य शुरू किया जाने लगा तभी भू-स्वामी वहां पहुंचे और बगैर मुआवजा की राशि दिए अपनी भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने का विरोध जताने लगे.

Also Read: बिहार में 15 जनवरी को मनायी जायेगी मकर संक्रांति, पटना में पतंगों की होगी कलाबाजी, जानें इस दिन का महत्व
सर्वे और चक में हुई तकनीकी गड़बड़ी को दूर करने की किसानों की मांग

मौजूद चौसा मौजा के किसानों का कहना था कि हम सभी किसान मानसिक रूप प्रशासन के द्वारा प्रताड़ित हो रहे हैं. इसका कारण कि जो हम किसानों को जो भू अर्जन विभाग द्वारा नोटिस दिया गया है. वह सर्वे से दिया गया है. जबकि सभी किसान पिछले 40वर्षों से चक से अपना अपना जमीन जोत रहे है. हम किसानों का कहना है कि हम किस आधार पर अपना कागज तैयार कराये. ताकि हम सभी किसानों को दखल के अनुसार मुआवजा मिल सके. किसानों की एक मात्र मांग थी की सर्वे व चक में हुई तकनीकी गड़बड़ी को सुधार कर ही अधिग्रहण की जानेवाली भूमि पर कोई निर्माण का कार्य कराया जाए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें