जून में मिल सकती है नियोजित शिक्षकों को तबादले की सौगात, बिहार टीचर ट्रांसफर सॉफ्टवेयर तैयार
मनचाही जगह पर तबादले का इंतजार कर रहे नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार जून में उन्हें ट्रांसफर की सौगात दे सकती है. बिहार टीचर ट्रांसफर सॉफ्टवेयर बन चुका है. दिशा-निर्देश भी तैयार हो गये हैं.
पटना. मनचाही जगह पर तबादले का इंतजार कर रहे नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार जून में उन्हें ट्रांसफर की सौगात दे सकती है. बिहार टीचर ट्रांसफर सॉफ्टवेयर बन चुका है. दिशा-निर्देश भी तैयार हो गये हैं. अगले सप्ताह में अधिसूचना जारी होने के साथ ही नियोजित शिक्षकों से तबादले के लिए आवेदन मांगे जाने की तैयारी शिक्षा विभाग कर रहा है.
ऑनलाइन आवेदन के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाने की बात कही जा रही है. सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पंचायती राज विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग के पास फाइल भेजी थी. दोनों विभागों ने शिक्षा विभाग के प्रारूप पर सहमति देकर फाइल शिक्षा विभाग को वापस भेज दी है.
तबादले के लिए पिछले साल नियम तय किये गये थे. वही लागू रहने की संभावना है. यदि ऐसा होता है तो दिव्यांग व महिला िशक्षकों को सेवा के दौरान एक बार अंतरजिला और अंतर नियोजन इकाई के तबादले का मौका मिलेगा. वहीं पुरुष शिक्षक पारस्परिक तबादला ले सकेंगे.
पहले दिव्यांगों के लिए विज्ञापन निकले : एसोसिएशन
पटना हाइकोर्ट में सवा लाख माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने के लिए दायर रिट याचिका पर शुक्रवार को आंशिक सुनवाई हुई. विस्तृत सुनवाई 31 मई को होगी.मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाले खंडपीठ ने आंशिक सुनवाई के बाद इस मामले को 31 मई को सुनने के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से अनुरोध किया गया कि सरकार पहले दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाले, ताकि जिन लोगों ने दिव्यांग कोटे के तहत आवेदन जमा नहीं किया है, वे आवेदन जमा कर सकें. विज्ञापन जारी होने के बाद ही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाये.
महाधिवक्ता ने इसका विरोध किया. कोर्ट ने इस पर कुछ नहीं कहा. मालूम हो कि महाधिवक्ता ललित किशोर ने 26 मई को इस मामले की सुनवाई जल्द करने का अनुरोध खंडपीठ से किया था. मुख्य न्यायाधीश के निर्देश के बाद ही यह मामला सुनवाई के लिए उनकी खंडपीठ में सूचीबद्ध था .
पिछली सुनवाई पर महाधिवक्ता ने चीफ जस्टिस से कहा था कि राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर अंडरटेकिंग दे दी है कि दिव्यांग उम्मीदवारों को चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जायेगा. इसी मुद्दे को लेकर ब्लाइंड एसोसिएशन ने रिट याचिका दायर की है.
याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति में दिव्यांगों के लिए निर्धारित चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ देना सुनिश्चित कराया जाये. हाइकोर्ट ने इसी मुद्दे को लेकर नियुक्ति पर रोक लगा दी है. इसके कारण पूरी बहाली प्रक्रिया स्थगित है.
महाधिवक्ता का कहना था कि याचिकाकर्ता की मांग को सरकार ने मांग लिया है, इसलिए पूरी नियुक्ति को रोके रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया है. कोर्ट को बताया गया था कि गत मार्च में ही मामले की सुनवाई तय थी, लेकिन कोरोना के कारण सुनवाई नहीं हो सकी और शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी. अब इस मामले पर 31 मई को सुनवाई होगी.
Posted by Ashish Jha