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मगध विवि के परीक्षा नियंत्रक हटाये गये, छात्रों को पांच साल बाद भी नहीं दे पाये थे डिग्री

मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के परीक्षा नियंत्रक डॉ गजेन्द्र गडकर को हटा दिया गया है. इस संबंध में राजभवन ने अधिसूचना जारी कर दी है. उनके स्थान पर गया कॉलेज गया के हिंदी विभाग के डॉ आनंद कुमार सिंह को अगले आदेश तक परीक्षा नियंत्रक बनाया गया है.

गया. मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के परीक्षा नियंत्रक डॉ गजेन्द्र गडकर को हटा दिया गया है. इस संबंध में राजभवन ने अधिसूचना जारी कर दी है. उनके स्थान पर गया कॉलेज गया के हिंदी विभाग के डॉ आनंद कुमार सिंह को अगले आदेश तक परीक्षा नियंत्रक बनाया गया है. यह नियुक्ति अस्थाई व्यवस्था के तहत की गई है. राजभवन ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. यह कार्रवाई तब हुई है जब सड़कों पर उतरे छात्र कह रहे हैं कि मगध विश्वविद्यालय में भगवान मिल सकते हैं, लेकिन डिग्री मिलना बहुत मुश्किल है. इतना ही नहीं विश्वविद्यालय में नियमित सत्र के अलावा परीक्षा समय पर नहीं हो रही है. जिस कारण यहां के छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़

दरअसल मगध विश्वविद्यालय के स्नातक, पीजी, बीएड तथा अन्य विषयों के छात्र आक्रोशित हैं. सड़क पर उतर कर छात्र राज्य सरकार, राज्यपाल, मगध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. दरअसल विश्वविद्यालय के 2017, 2018-21, 2019-22 सत्र के छात्रों का रिजल्ट घोषित नहीं हो सका है, जिस कारण लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इतना ही नहीं 2018 में नामांकित छात्रों की डिग्री 5 साल पूरा होने के बाद भी नहीं मिली. लिहाजा अपनी मांगों को लेकर हजारों छात्र पिछले 2 दिनों से आंदोलन पर उतर आये हैं. सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि रिजल्ट प्रकाशित करें. विश्वविद्यालय के सत्र को नियमित करें. समय पर परीक्षा लें अन्यथा सरकार का घेराव कर छात्रों के द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जाएगा.


कई लोगों की नौकरी जा सकती है

छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय के द्वारा समय पर रिजल्ट प्रकाशित नहीं करने से उनकी नौकरी पर भी तलवार लटक रही है. विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हजारों छात्र हैं, जिनका सरकारी नौकरी के लिए ज्वाइनिंग लेटर आ चुका है, लेकिन इन छात्रों को डिग्री नहीं मिल पा रही है. डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी का महीनों तक चक्कर काटते रहते हैं. विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर नहीं होने का कारण छात्र अपनी समस्या को लेकर परेशान रहते हैं. मीडिया से बात करते हुए छात्रों ने बताया 2018-20 सत्र मे पीजी में नामांकन कराए थे, लेकिन अभी तक परीक्षा नहीं हुई है. 2 साल का कोर्स 4 साल मे भी पूरा नहीं हुआ है.

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