बेगूसराय. जिला मुख्यलाय के आर्ट गैलरी के मुख्य द्वार पर बिहार के पूर्व सीएम व मंडल आयोग के अध्यक्ष बीपी मंडल की मूर्ति लागए जाने को लेकर विवाद हो गया है. 22 जनवरी को कुछ लोगों द्वारा बिना अनुमति के वहां बीपी मंडल की प्रतिमा लगाई जा रही थी. इसके बाद वहां विवाद पैदा हो गया. दोनों पक्षों में तनाव को देखते हुए सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी वहां पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश करने लगे. उन्होंने बिना अनुमति मूर्ति नहीं लगाने को कहा. इससे नाराज होकर संबंधित पक्ष के लोगों ने उनपर हमला कर दिया.
बिना अनुमति प्रतिमा लगाने से रोका गया
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, बेगूसराय में बीपी मंडल के मूर्ति लगाने के पर विवाद हुआ है. इस विवाद में सदर प्रखंड के बीडीओ पर कुछ आसामाजिक तत्वों द्वारा हमला किया गया है. बताया जाता है कि जब प्रतिमा लगा रहे लोगों ने बीडीओ ने मूर्ति लगाने का आदेश पत्र मांगा, तो वो उग्र हो गये और बीडीओ पर हमला कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस एक्शन में आयी है और एक युवक को गिरफ्तार किया है. इसके बाद पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है. फिलहाल मुफस्सिल थाना की पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए आरोपी से पूछताछ की जा रही है. उसके बाद ही मामले का खुलासा हो सकेगा.
प्रतिमा लगाने से पहले डीएम से लेनी होगी अनुमति
स्थानीय थाना पुलिस के अनुसार बेगूसराय के कंकौल में बने आर्ट गैलरी के मुख्य द्वार पर बगैर अनुमति के बीपी मंडल की मूर्ति लगाए जाने के बाद बवाल हो गया है. एक युवक ने सदर बीडीओ पर हमला कर दिया. हालांकि सतर्कता के कारण बीडीओ को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है. इस मामले में बीडीओ सुदामा प्रसाद सिंह ने बताया कि अज्ञात लोगों के द्वारा प्रेक्षागृह सह सभागार के मुख्य द्वार पर मूर्ति लगा दी गई. इस संबंध सदर एसडीओ से मिली जानकारी के आधार पर जब मौके पर पहुंचा और पूछताछ की तो इन लोगों ने मूर्ति लगाने का आदेश नहीं दिखाया. बयान रिकॉर्ड करके जब लौट रहे थे तो इन लोगों के साथ खड़े एक गुंडा जैसे लड़के ने जानलेवा हमला कर दिया.
हमले की बात गलत, हुई थी छीना-झपटी
बीडीओ सिंह ने कहा कि मूर्ति लगानेवालों का कहना था कि वो लोग नियम कानून को नहीं मानते हैं. यह सरकारी संपत्ति है. किसी सरकारी जमीन पर मूर्ति लगाने के पहले डीएम की सहमति आवश्यक है, लेकिन उन लोगों ने कहा कि हमें किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है. इस संबंध में अखिल भारतीय संवैधानिक चिंतन मंच के लोगों का कहना है कि हम लोगों ने सीएम से आदेश लेकर बीपी मंडल की मूर्ति रखे थे. वह सामाजिक न्याय प्रणेता थे, इसलिए हमने वहां मूर्ति रखा. जब सभागार का नाम बीपी मंडल सभागार मुख्यमंत्री रख दिए तो फिर हम लोग क्यों नहीं मूर्ति रखेंगे. अगर यह मूर्ति रखना अपराध है तो हम अपराधी हैं. बीडीओ ने मोबाइल से फोटो लेने से रोका, इसलिए आक्रोश में लोगों ने उनका भी मोबाइल छीना-झपटी की है, लेकिन बेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है.