पटना. सहकारिता विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में बेहतर प्रशासनिक समन्वय स्थापित करने, पारदर्शिता और अभिलेखों के उचित रखरखाव के लिए बनी ‘ सहकार भवन ‘ योजना के इसी वित्तीय वर्ष में पूरी होने की संभावना है.
सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह ने विभागीय अधिकारियों को पुरानी योजनाओं को जल्दी से जल्दी पूरा करने को कहा है. तीन साल से अधिक पुरानी इस योजना के पूरा होने से पैक्स सदस्य आदि सहकारिता से जुड़े किसान आदि को एक ही छत के नीचे विभागीय सुविधाएं मिलने लगेंगी.
सरकार ने सात नवंबर 2017 को राज्य के प्रत्येक जिला में सहकार भवन बनाने का निर्णय लिया था. जिस शहर में प्रमंडलीय मुख्यालय है वहां तीन मंजिला (जी प्लस टू ) अन्य जिला मुख्यालय में दो मंजिला भवन का निर्माण किया जा रहा है.
प्रमंडल स्तरीय सहकार भवन के भूतल पर संयुक्त निबंधक, सहयोग समितियां, जिला सहकारिता पदाधिकारी, सहायक निबंधक एवं जिला अंकेक्षण पदाधिकारी के कार्यालय रहेंगे. प्रथम तल पर केंद्रीय सहकारी बैंक संचालित होगी. द्वितीय तल पर उत्कृष्टता केंद्र बनाया जायेगा. इससे किसानों को काफी सहूलियत होगी.
जिला एवं प्रमडल स्तर पर सहकारिता विभाग से संबंधित सभी कार्यालय एक छत के नीचे होने से सहकारी समितियों के सदस्यों को भागदौड़ से राहत मिल जायेगी. अधिकारी उनके काम और योजनाओं को लेकर टालमटोल नहीं कर सकेंगे.
अभी भवन निर्माण विभाग द्वारा 22 सहकार भवन का निर्माण किया जा रहा है. इन भवन निर्माण के लिए 56.33 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. इससे पटना, कोसी (सहरसा), भागलपुर, गया (मगध) और पूर्णिया में पांच प्रमंडलीय मुख्यालय स्तर के भवन बन रहे हैं.
मधुबनी, औरंगाबाद, बांका, किशनगंज, कटिहार, कैमूर (भभुआ). पूर्वी चम्पारण (मोतिहारी), रोहतास (सासाराम), समस्तीपुर, जमुई, गोपालगंज, आरा नवादा, वैशाली (हाजीपुर), जहानाबाद, अररिया और सीतामढ़ी में जी प्लस वन टाइप के भवन का कार्य चल रहा है.
Posted by Ashish Jha