बिहार में अब भूमि दस्तावेजों की नकल निकालना हुआ आसान, सासाराम में हुआ डिजिटल प्रक्रिया हुआ उद्घाटन
जमीन के दस्तावेजों की नकल निकालने को लेकर अब जरूरतमंद लोगों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसी क्रम में शुक्रवार को समाहरणालय परिसर स्थित जिला अभिलेखागार प्रशाखा में भूमि दस्तावेजों का नकल निकालने से संबंधित प्रक्रिया को डिजिटल रूप से शुरू किया गया.
सासाराम. अब लोगों को भूमि दस्तावेजों की नकल निकालने में काफी सहूलियत होगी. क्योंकि, भूमि से संबंधित दस्तावेजों का निकल निकालने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होने लगी है. इससे जमीन के दस्तावेजों का नकल निकालने को लेकर अब जरूरतमंद लोगों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसी क्रम में शुक्रवार को समाहरणालय परिसर स्थित जिला अभिलेखागार प्रशाखा में भूमि दस्तावेजों का नकल निकालने से संबंधित प्रक्रिया को डिजिटल रूप से शुरू किया गया. इसका उद्घाटन डीएम नवीन कुमार ने किया.
ऑनलाइन माध्यम से नकल प्राप्त कर सकते हैं लोग
इस दौरान डीएम ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से नकल निकालने की प्रक्रिया को पेपरलेस करने का निर्देश जारी किया गया था. इसके आलोक में अब जिले के लोगों को जमीन के दस्तावेजों का नकल निकालने का काम डिजिटल किया गया. इससे अब नकल निकालना आसान हो जायेगा. लोग ऑनलाइन के माध्यम से नकल प्राप्त कर सकते हैं. बता दें विगत माह भू-अभिलेख और परिमाप निदेशक ने समाहरणालय स्थित भू-अभिलेख शाखा का निरीक्षण किया था.
कागजातों के रखरखाव को लेकर थी नाराजगी
इस दौरान उन्होंने विभाग में नकल निकालने की प्रक्रिया लेकर कागजातों के रखरखाव को लेकर नाराजगी व्यक्त की गयी थी. इसके बाद निदेशक ने विभाग को आवश्यक मशीन व उपकरण लगा कर नकल निकालने की प्रक्रिया ऑनलाइन डिजिटल करने का सख्त निर्देश जारी किया था. इसके आलोक में भूमि दस्तावेजों का नकल निकालने की प्रक्रिया को पेपरलेस व डिजिटल करने की कवायद जिला प्रशासन शुरू कर दिया है.
कार्यालय का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
इस नयी व्यवस्था के तहत लोगों को जमीनों के दस्तावेजों का नकल निकालने से संबंधित किसी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्हें ऑनलाइन के माध्यम से नकल निकालने में काफी सुविधा होगी. विभाग के अनुसार, इस व्यवस्था व सुविधा शुरू होने के बाद किसी भी रैयत को निकालने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. अर्थात, लोगों को अंचल या अन्य राजस्व कार्यालय जाकर आवेदन देने या फिर चिरकुट या नन ज्यूडिशियल स्टांप के आधार पर नकल के लिए आवेदन देने से मुक्ति मिल जायेगी.
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यह भी मिलेगा सुविधा
विभाग के अनुसार, अंचल अभिलेख भवनों के जरिये विभिन्न प्रकार के राजस्व दस्तावेजों को आम लोगों को उपलब्ध कराया जाना है. सभी अभिलेख डीएमएस यानी डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत संधारित किये जा रहे हैं. यह सुविधा भी उसी पर आधारित है. वहीं ऑनलाइन आवेदन राजस्व कार्यालय में प्राप्त होने के तीन कार्य दिवस में दस्तावेज आवेदक को उपलब्ध करा दिया जायेगा.