बिहार में शराब की धरपकड़ से बचने के लिए अब नशे के लत ने लोगों को अफीम, स्मैक और कोडिनयुक्त सीरप की ओर धकेल दिया है. सीमांचल में कोरेक्स सीरप की खपत अब अधिक हो रही है. गांव से लेकर शहर में शीली दवाएं खप रही है. गली-मोहल्लों में सप्लायर सक्रिय हैं. किशनगंज में चाय की कई दुकानों में भी कोरेक्स परोसा जाता है.
कोरेक्स सीरप जो खांसी जैसी बीमारी में काम आता है. जिसे पीने के आदी किशनगंज शहर के युवक हो गये हैं. नगर पंचायत नवहट्टा में कुछ महिलाएं भी इसके आदि हो गयी है. कोरेक्स आज दवा व चाय की दुकानों में आसानी से उपलब्ध हो जाता है. दवा दुकानदार इतना भी पूछने की जहमत नहीं उठाते हैं कि आप किस डॉक्टर से पूर्जा लिखवाएं हैं. आपको किसने यह दवा पीने कि सलाह दी है.
नगर पंचायत स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दक्षिण नप के कूड़ेदान किनारे बिखरे कोरेक्स की बोतलें पिछले दिनों इसकी गवाह रही है. सूत्र बताते हैं कि कुछ चिन्हित दुकान हैं. जहां चाय सिरप के कारण ही बिकती है. जिस दिन दुकानदार के पास सिरप समाप्त हो जाये, उस दिन चाय दुकान सूना बना रहता है. नगर पंचायत सहित पूरे जिले के शहरी भाग के युवाओं यही हाल है. नयी पीढ़ी के युवकों को इसकी लत लगती जा रही है.
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सीएचसी चिकित्सा प्रभारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि किसी भी चीज का आदि होने पर उसका साइड इफेक्ट है. इस दवा के सेवन से मानसिक संतुलन बिगड़ने की पहली संभावना रहती है. कोरेक्स दवा के रुप में यूज किया जाता है. अगर इसे लोग नशा के लिए उपयोग करते हैं तो हार्ट एवं लीवर पर भी इसका असर पड़ सकता है. बिना चिकित्सकीय सलाह किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए.