एनएमसीएच में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हुए डॉक्टरों में किसी प्रकार का लक्षण नहीं हैं. कुछ में केवल सर्दी, खांसी और गले में खराश है. मसलन सभी में सामान्य फ्लू की तरह लक्षण हैं. यह काफी राहत देने वाली बात है. सामान्य फ्लू के लक्षण के कारण अस्पताल में भर्ती कराने या ऑक्सीजन चढ़ाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है, बल्कि कुछ दिन में ही वे ठीक हो जा रहे हैं. लेकिन फिर भी जिला प्रशासन पटना हर क्षेत्र पर नजर रखे हुए है और कोराना संक्रमितों से जुड़े लोगों की जांच करायी जा रही है.
जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर लोगों की जांच कराने के साथ ही कांटेक्ट ट्रेसिंग की व्यवस्था की है. इसके साथ ही बाजारों व भीड़-भाड़ वाले इलाके के साथ ही दुकानों में धावा दल के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है. इसके अलावा कोरोना को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से अपील की है कि इसमें पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है. कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए सर्तक रहें.
पिछले दिनों गांधी मैदान स्थित आइएमएआइए हॉल में आयोजित सम्मेलन में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमबीबीएस इंटर्न्स व पीजी डॉक्टर इसमें शामिल हुए थे. शनिवार को उनमें से कुछ लोगों में कोरोना के लक्षण मिले. इसके बाद इनकी एंटिजन जांच करायी गयी तो इनमें से 16 लोग संक्रमित मिले. शनिवार की रात ही 69 लोगों की आरटीपीसीर जांच करायी गयी, इनमें से 12 मेडिकल स्टूडेंट और 8 अन्य मरीज संक्रमित मिल
एक साथ 96 डॉक्टरों के पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. डॉक्टर के अलावा वार्ड में भर्ती मरीजों की चिंता बढ़ गयी है, जिसको देखते हुए सोमवार को एनएमसीएच हॉस्टल में रहने वाले 150 डॉक्टर, एमबीबीएस स्टूडेंट्स सहित वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की आरटीपीसीआर व एंटीजन जांच करायी जायेगी.
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नालंदा मेडिकल कॉलेज में सोमवार से होने वाली वर्ष 2019 की टर्मिनल परीक्षा अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गयी है. प्राचार्यडॉ हीरालाल महतो ने बताया कि कई मेडिकल स्टूडेंट्स के कोरोना पॉजिटिव हो जाने के कारण यह निर्णय लिया गया है. परीक्षा अगले आदेश तक के लिए स्थगित रहेगी.