बिहार में बेदम हुआ कोरोना, अस्पतालों में भर्ती 90 प्रतिशत मरीज खतरे से बाहर

कोविड के कारण अस्पतालों में भर्ती 90 फीसदी मरीज खतरे से बाहर हैं. भर्ती व डिस्चार्ज होनेवालों में सबसे अधिक पटना एम्स के मरीज शामिल हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 25, 2022 6:39 AM

आनंद तिवारी पटना कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार पटना जिले में थमने लगी है. पॉजिटिव से दोगुने ठीक होनेवालों की संख्या हो गयी है. इस बार अस्पतालों में ऑक्सीजन की मारामारी नहीं है. शहर के आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच और पटना एम्स सहित प्राइवेट कोविड वार्ड में भर्ती अधिकतर मरीज किडनी, डायबिटीज, दिल, कैंसर और लिवर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जबकि संबंधित चारों मेडिकल कॉलेज अस्पताल व प्राइवेट अस्पतालों में रोजाना 25 मरीज डिस्चार्जकिये जा रहे हैं. वहीं, कोविड के कारण अस्पतालों में भर्ती 90 फीसदी मरीज खतरे से बाहर हैं. भर्ती व डिस्चार्ज होनेवालों में सबसे अधिक पटना एम्स के मरीज शामिल हैं.

सिर्फ 10 प्रतिशत को ऑक्सीजन की जरूरत

शहर के प्राइवेट व सरकारी अस्पताल मिलाकर कुल 174 मरीज कोरोना वार्ड में भर्ती हैं. कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों में 10 प्रतिशत को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. 90 प्रतिशत मरीज खतरे से बाहर हैं. सबसे अधिक पटना एम्स में 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जबकि बाकी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में दो से तीन मरीज ही वेंटिलेटर पर हैं. कुछ मरीज इमरजेंसी तो कुछ आइसीयू और बाकी सामान्य कोविड वार्ड में भर्ती किये गये हैं. भर्ती किये गये अधिकांश गंभीर मरीज पहले से सामान्य आइसीयू में थे. कोरोना पॉजिटिव होने पर कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया.

कोरोना : गंभीर मरीजों में जोखिम ज्यादा

आइजीआइएमएस यूरोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निखिल चौधरी ने बताया कि कोविड वार्ड के आइसीयू में भर्ती होने वाले अधिकतर मरीज पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं. इनमें अधिकतर ऐसे मरीज हैं जो पहले से दिल, किडनी, प्रोस्टेट, कैंसर आदि रोग का इलाज करा रहे हैं. पॉजिटिव होने के बाद कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया है. ऐसे मरीजों में जोखिम ज्यादा है. तीसरी लहर में ऑक्सीजन की जरूरत हर किसी मरीज को नहीं है.

वायरस से कोई गंभीर नहीं

पटना एम्स ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ. नेहा सिंह ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस की वजह से कोई भी मरीज गंभीर नहीं हो रहा है. अन्य अस्पतालों की तुलना में पटना एम्स में रोजाना सबसे अधिक मरीज भर्ती किये जा रहे हैं. साथ ही यहां सबसे अधिक मरीज स्वस्थ होकर अपने घर भी जा रहे हैं. अधिकांश मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है. हालांकि कोरोना की रफ्तार पटना सहित पूरे बिहार में कम हो गयी है, लेकिन सभी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. ताकि वायरस का जल्द से जल्द खात्मा हो सके.

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