पटना में लगातार कम हो रहे हैं कोरोना के केस, निजी अस्पतालों में भी 90 प्रतिशत से ज्यादा बेड खाली
जिले में कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं. अब रोजाना मिलने वाले नये केसों की संख्या भी 100 से नीचे आने लगी है. इससे जिले के सरकारी अस्पतालों, कोविड केयर सेंटरों के साथ ही निजी अस्पतालों के भी 90% से ज्यादा कोविड बेड खाली पड़े हुए हैं.
पटना. जिले में कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं. अब रोजाना मिलने वाले नये केसों की संख्या भी 100 से नीचे आने लगी है. इससे जिले के सरकारी अस्पतालों, कोविड केयर सेंटरों के साथ ही निजी अस्पतालों के भी 90% से ज्यादा कोविड बेड खाली पड़े हुए हैं. हाल यह है कि कई निजी अस्पतालों में तो अब एक भी कोविड मरीज भर्ती नहीं है.
यहां अब आसानी से नये मरीजों को भर्ती लिया जा रहा है. बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को अरविंद हाॅस्पिटल अशोक राजपथ में कोविड के 16 बेड हैं. यहां इनमें से 15 बेड खाली पड़े थे.
श्री राज ट्रस्ट अस्पताल में 30 बेड में से 22 खाली थे. श्री मुरलीधर मेमोरियल नर्सिंग होम में 15 में से 14 बेड खाली थे. जगदीश मेमोरियल अस्पताल में 31 बेड में से 26 खाली पड़े थे. केपी सिन्हा मेमोरियल सुपर स्पेशियलिटि अस्पताल के सभी 28 बेड खाली थे. पारस अस्पताल के 100 बेड में से 92 खाली थे. बिग अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के सभी 41 बेड खाली थे.
मेडिवर्सल मल्टी सुपर स्पेशियलिटि अस्पताल के 40 बेड में से 30 बेड खाली थे. डाॅक्टर्स फाॅर यू अस्पताल के 50 में से 47 बेड, अटलांटिस अस्पताल के सभी 30 बेड, बुद्धा कैंसर सेंटर के 13 में से 12 बेड और कैपिटल मल्टी स्पेशियलिटि अस्पताल के सभी 10 बेड रविवार को खाली थे. फोर्ड अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के 60 में से 56 बेड खाली पड़े थे.
मेडिजोन अस्पताल के सभी 20 बेड, नेस्टिवा अस्पताल के 30 में से 28 बेड, उदयन अस्पताल के 50 में से 44 बेड, गेटवेल अस्पताल के सभी 13 बेड, समय अस्पताल के 60 में से 40 बेड खाली थे. समर्पण अस्पताल के सभी 20 बेड, राधा स्वामी सत्यसंग केंद्र के सभी 50 बेड, एशियन सिटी अस्पताल के 50 में से 48 बेड, आर्टिस मल्टी स्पेशियलिटि के सभी 25 बेड खाली थे.
राजेश्वर अस्पताल के सभी 90 बेड, सैम्फोर्ड अस्पताल के सभी 15 बेड और हाइटेक इमरजेंसी अस्पताल के 40 में से 38 बेड खाली थे. रूबन मेमोरियल अस्पताल में 200 बेड में से 128 खाली थे. कुछ यही स्थिति जिले के दूसरे निजी अस्पतालों की भी है.
Posted by Ashish Jha