कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए प्रशासन ने अपनी तैयारियां बढ़ा दी है. मरीजों की संख्या को देखते हुए मरीजों के लिए कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेटर शुरू कर दिया गया है. इस बीच आइजीआइएमएस में टेलीमेडिसिन ओपीडी सेवा शुरू करने का निर्णय लिया गया है. सोमवार से 20 विभाग के 20 डॉक्टर मरीजों का घर बैठे इलाज व परामर्श देगे. इस टेली मेडिसिन ओपीडी पर मरीज संबंधित डॉक्टर से घर बैठे परामर्श ले सकेगे. इसके लिए मोबाइल नंबर जारी किये गये है.
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि 10 जनवरी से टेलीमेडिसिन सुविधा का लाभ मरीज घर बैठे ले सकते है. इसके लिए अलग-अलग विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है. सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक डॉक्टर टेलीमेडिसिन के लिए मौजूद रहेगे. उन्होने बताया कि अगर कोई भी डॉक्टर तय समय के अंदर फोन नहीं उठाते है या बात नहीं करते है, तो वह अस्पताल प्रशासन को शिकायत कर सकते है.
Also Read: बिहार के तीन सौ प्रखंडों में पहुंचा कोरोना वायरस, पटना में संक्रमण दर सबसे तेजपटना शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज कराने आये एक गंभीर मरीज को राहत मिली है. मरीज लिवर व फेफड़े के गंभीर रोग से ग्रसित था. गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग में ऑपरेशन के बाद मरीज को राहत मिली है. मरीज का नाम 22 वर्षीय रहमत अंसारी है जो शिवहर जिले का निवासी है. वहीं जानकारी देते हुए आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ और पेट में दर्द होने के बाद परिजन रहमत को आइजीआइएमएस लेकर पहुंचे.
यहां सिटी स्कैन जांच में मरीज के लिवर में मवाद भर गया था, जो फटकर फेफड़े तक जांच पहुंचा था. ऑपरेशन के लिए डॉ राकेश कुमार सिंह, डॉ निशांत कुरीयन व डॉ स्वाति, डॉ आलोक एवं नर्स रीना को टीम में शामिल किया गया. दूरबीन विधि से ऑपरेशन के दौरान मरीज का मवाद को बाहर निकाला गया. डॉ मनीष ने बताया कि हर संस्थान में इस तरह के 10 से 15 मरीज एक महीने में भर्ती होते हैं. मात्र 50 हजार रुपये में ऑपरेशन किया गया. जबकि प्राइवेट में 25000 से तीन लाख के बीच खर्च आता है.