बिहार के खजाने पर कोरोना का असर, बजट आकार बढ़ने की उम्मीद कम, 21 फरवरी के बाद विधानमंडल का सत्र संभव
कोरोना के कारण राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित हुई है और स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च बढ़ने की वजह से भी इसका असर बजट आकार पर पड़ेगा.
पटना. नये वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को तैयार करने की प्रक्रिया वित्त विभाग के स्तर पर तेज हो गयी है. विधानमंडल का बजट सत्र फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है और 21 फरवरी के बाद इसके विधानमंडल में पेश होने की संभावना है. हालांकि, इस बार भी कोरोना का असर बजट पर रहने की संभावना जतायी जा रही है. नये वित्तीय वर्ष के बजट का चालू वित्तीय वर्ष के बजट के बराबर ही रहने की संभावना जतायी जा रही है. इसके एक लाख 18 हजार करोड़ रुपये के आसपास ही होने की उम्मीद है. हालांकि, इस पर अभी अंतिम स्तर पर मंथन किया जा रहा है. इसके बाद कैबिनेट में पास होने के बाद इसे विधानमंडल में पेश किया जायेगा.
कोरोना के कारण राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति हुई प्रभावित
इसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि नये बजट का आकार कितना होगा, परंतु कोरोना के कारण राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित हुई है और स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च बढ़ने की वजह से भी इसका असर बजट आकार पर पड़ेगा. अभी भी राज्य सरकार के स्तर से पुरजोर मंथन चल रहा है कि बजट आकार में कम- से- कम 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने के लिए क्या नयी पहल की जा सकती है या क्या नये उपाय किये जा सकते हैं. इसमें केंद्र के स्तर से राज्य को मिलने वाली केंद्रीय टैक्स पुल की राशि में हिस्सेदारी की भूमिका बेहद अहम होगी. अगर केंद्रीय टैक्स पुल से राशि में अधिक बढ़ोतरी होती है या केंद्र प्रायोजित योजनाओं में मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी होती है, तो राज्य का बजट आकार बढ़ाने में काफी सहायता मिलेगी. अन्यथा इसके चालू वित्तीय वर्ष के ही बराबर रहने की पूरी संभावना है.
आंतरिक स्रोतों से टैक्स के संग्रह का लक्ष्य पा लेने की उम्मीद
चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के आंतरिक स्रोतों से टैक्स के संग्रह में जो लक्ष्य रखा गया है, उसके प्राप्त होने की पूरी संभावना है. अब केंद्र से मिलने वाली राशि पर ही पूरी बजट की स्थिति टिकी हुई है. यह बहुत हद तक केंद्रीय आम बजट पेश होने के बाद ही स्पष्ट होगा. इसमें ही यह पूरी तरह से स्पष्ट होगा कि कितनी राशि राज्यों को इस बार मिलती है या इसमें बढ़ोतरी होती है. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में आंतरिक टैक्स मद में करीब साढ़े 35 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें अब तक करीब 28 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं. इस आधार पर वित्तीय वर्ष मार्च में समाप्त होने तक इस लक्ष्य के प्राप्त होने की संभावना है. केंद्रीय टैक्स पुल से इस बार 91 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब तक 55 हजार करोड़ रुपये आ चुके हैं. इस बार जनवरी में दो किस्त करीब साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये एक ही साथ प्राप्त हुए हैं.
केंद्र से मिलनेवाली राशि से उम्मीद
वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने मार्च में ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि केंद्रीय पुल से कुल कितनी राशि राज्य को मिली है. पिछले वित्तीय वर्ष में लॉकडाउन के कारण ठप हुई आर्थिक गतिविधियों के कारण इसमें थोड़ी कटौती हुई है. इसी तरह केंद्र प्रायोजित करीब 57 योजनाओं के मद में 42 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें अब तक आधे रुपये ही प्राप्त हुए हैं. यह भी मार्च के अंत में ही स्पष्ट होगा कि कितने रुपये इस बार मिलते हैं या पिछले बार की तरह कटौती होती है.