कोरोना ने बाजार में होली का रंग किया फीका, बिहार में 50 फीसदी तक कारोबार मंदा
पिछले वर्ष कोरोना ने लगन, ईद, दशहरा आदि के कारोबार को प्रभावित किया था. एक बार फिर कोरोना का संक्रमण बढ़ने से बाजार पर इसका असर दिखने लगा है.
भागलपुर. पिछले वर्ष कोरोना ने लगन, ईद, दशहरा आदि के कारोबार को प्रभावित किया था. एक बार फिर कोरोना का संक्रमण बढ़ने से बाजार पर इसका असर दिखने लगा है. खासकर होली को लेकर कारोबारी फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैं. अधिकतर कारोबारियों ने होलियाना टोपी, मुखौटा, कार्टून कैरेक्टर पिचकारी आदि का नया स्टॉक नहीं मंगाया है. वे पिछला माल ही खपाने में लगे हैं. ऐसे में बाजार में 50 फीसदी तक कारोबार मंदा होने का अनुमान है.
कोरोना संक्रमण एक बार फिर विभिन्न प्रदेशों के महानगरों के साथ-साथ भागलपुर में भी बढ़ने लगा है. सरकार व प्रशासन की ओर से लोगों को सजग करने का अभियान तेज हो गया. पूरे देश में गतिविधि तेज हो गयी है. इसका असर होली पर दिखने लगा है और होली का रंग फीका होने की संभावना है. बाजार में पिछले वर्ष की तरह रौनक नहीं है.
दुकानदार प्रदीप मावंडिया ने बताया कि होली का सामान केवल होली में ही बिकता है. इस बार कोरोना संक्रमण के भय से आयोजनों पर रोक लगाने का निर्देश जारी हो चुका है. ऐसे में यदि होली को लेकर मंगाया गया माल यदि बच गया तो दोहरी क्षति उठानी पड़ेगी. इसलिए इस बार माल ही नहीं मंगाया गया. पिछले स्टॉक को बेचेंगे. वहीं विनय डोकानिया, कैलाश मावंडिया आदि ने बताया कि इस बार नयी व डिजाइनर पिचकारी नहीं मंगायी गयी है. पहले जो लाया गया था, उसे ही बेचेंगे.
बच्चों के साथ-साथ युवाओं में भी रहता था क्रेज: पिचकारी खरीदने आये बच्चे नया बाजार के शौर्य, देवांश व कृष्णा नगर की मिष्टी ने कहा कि वे मोटू-पतलू, स्पाइडर मैन, टॉम एंड जैरी, छोटा भीम, पोकीमॉन, ऑगी, नोविता, डोरेमोन, रूद्रा, घसीटा राम, डॉ झटका, जियान, सुनियो, जैक, राजू, जग्गू, कालिया, भोलू, ढ़ोलू, चुटकी के तस्वीरों वाली टोपी, मुखौटा व पिचकारी खरीदने की तैयारी है, लेकिन बाजार में अभी कुछ नया नहीं दिख रहा है.
रेडीमेड कारोबारी जिशान उर रहमान ने बताया कि पिछले साल कोरोना काल में ही गुरुद्वारा रोड में रेडीमेड कपड़े की दुकान शुरू किये थे. ईद व दुर्गापूजा में कारोबार फीका होने के बाद होली से उम्मीद थी. लेकिन 10 दिन पहले भी बाजार में ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. कुर्ता-पाजामा कारोबारी रतीश झुनझुनवाला ने बताया कि होली से 15 दिन पहले ही कुर्ता-पाजामा की बिक्री शुरू हो जाती थी. इस बार 10 दिन पहले भी ग्राहक विजिट करने तक नहीं पहुंच रहे हैं.
Posted by Ashish Jha