पटना. कोरोना जैसी महामारी में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो आपदा में अवसर ढूंढ़ रहे हैं. वे कोरोना मरीजों के परिजनों को ‘लूटने’ का कोई मौका नहीं छोड़ते. कई निजी एंबुलेंस वाले मजबूरी का फायदा उठा कर अनाप-शनाप किराया ले रहे हैं. भागलपुर में तो अस्पताल से श्मशान तक तीन किमी जाने के लिए 12 हजार रुपये ले रहे हैं. कोरोना संक्रमित को एंबुलेंस पर चढ़ाने से पहले ही किराया जमा करा लेते हैं.
भागलपुर से मरीज को पटना ले जाना हो तो एंबुलेंस वाले 25 से 35 हजार रुपये तक मांग रहे हैं. भागलपुर के किसी भी अस्पताल से श्मशान घाट की दूरी तीन से पांच किमी है, पर उसके लिए भी 12 से 16 हजार रुपये मांग रहे हैं. 16 अप्रैल को अरविंद नामक मरीज की हालत गंभीर हो गयी, तो परिजन उसे पटना ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस से संपर्क किया. सबने 25 से 35 हजार का रेट सुनाया. मंगलवार की रात एक निजी अस्पताल में एक कोरोना मरीज की मौत हो गयी. वहां से लाश को श्मशान घाट ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 20 हजार रुपये की डिमांड कर दी.
पहले पीएमसीएच में एबुलेंस ड्राइवर मरीज के परिजनों से लोकल भाड़ा 800 से हजार रुपये में तय करते थे. मगर आज पांच से आठ हजार रुपये तक वसूल रहे हैं. यहां ड्राइवरों की अपनी एक अलग यूनियन है. इसकी वजह से दूसरे एबुलेंस ड्राइवर अंदर जाते ही नहीं हैं और जो ड्राइवर वहां पर रहते हैं, वे मरीजों की स्थिति और उनके परिजनों की हैसियत के हिसाब से रेट तय करते हैं. मरीज के एक परिजन ने बताया कि गया से मरीज को लेकर आने के लिए 10 हजार रुपये दिये हैं. पहले छोटी गाड़ी गया ले जाने पर तीन से चार हजार रुपये लेते थे. मगर अभी कोई फिक्स रेट नहीं है.
यहां के ग्लोकल अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर बनाया गया है. रोजाना वहां से एक दर्जन कोरोना मरीज एसकेएमसीएच या अन्य अस्पतालों में रेफर हो रहे हैं. वहां से एसकेएमसीएच की दूरी सिर्फ पांच किमी है, पर निजी एंबुलेंस वाले इसके लिए चार से पांच हजार रुपये मांग रहे है. किसी मरीज को अगर पटना रेफर कर दिया जाता है, तो उनसे 20 से 25 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामने आया है, जहां प्राइवेट एंबुलेंस के ड्राइवर ने एक शव को श्मशान घाट पहुंचाने के लिए परिजनों से 12 हजार रुपये वसूल लिये. ड्राइवर ने अस्पताल से फल्गु नदी स्थित विष्णुपद श्मशान घाट तक सिर्फ करीब साढ़े तीन किमी की दूरी तय की.
Posted by Ashish Jha