Corona Impact : बिहार के स्कूलों में अब हर दिन आयेंगे केवल 33 फीसदी शिक्षक, शिक्षा विभाग का नया आदेश

कोविड संक्रमण के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी शिक्षकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए एक अहम आदेश गुरुवार को जारी किया है. इस आदेश में शिक्षकों को प्रतिदिन स्कूल जाने की अनिवार्यता को शिथिल कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2021 7:43 AM

पटना. कोविड संक्रमण के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी शिक्षकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए एक अहम आदेश गुरुवार को जारी किया है. इस आदेश में शिक्षकों को प्रतिदिन स्कूल जाने की अनिवार्यता को शिथिल कर दिया गया है.आदेश में कहा गया है कि प्रतिदिन स्कूल और कॉलेजों में 33 फीसदी ही शिक्षक बुलाये जायेंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से जारी कर दिया गया है.

इस संदर्भ में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक पत्र के जरिये साफ किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सभी शिक्षण संस्थान 18 तक अप्रैल तक बंद कर दिये गये हैं. हालांकि, सरकार को इस बात की चिंता जरूर है कि स्कूल कैसे खोलें? कैसे हमारे बच्चे पढ़ना – लिखना शुरू करें. कोरोना का संक्रमण अब भी तेजी से फैल रहा है.

उन्होंने कहा है कि हालांकि इन कठिन परिस्थितियों में हमारे शिक्षकों की स्कूलों में उपस्थिति अपेक्षित रही है. हालात यह है कि 18 अप्रैल के आगे भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. फिलहाल जिस तरह के हालात बन रहे हैं. ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि शिक्षक भी स्कूल में प्रतिदिन एक तिहाई की संख्या में ही आयेंगे.

प्रत्येक शिक्षक बारी-बारी से उसी हिसाब से स्कूल में उपस्थित रहेंगे. इस अवधि में प्रधानाध्यापक और शिक्षक विद्यालय के कार्यालय संबंधी अभिलेखों का निरीक्षण और तमाम दस्तावेज और अकाउंट से लंबित काम पूरा कर लेंगे.

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी राजस्व विभाग की तरफ से भूमि सर्वे का भी काम चल रहा है. ऐसी स्थिति में प्रिंसिपल अपने स्कूल की भूमि की संपत्ति संबंधी दस्तावेज निकाल कर अंचल कार्यालय से उसका सत्यापन और मौलिक निरीक्षण आदि की प्रक्रिया भी पूरी कर सकेंगे. जिन जिलों में इस सर्वे का काम शुरू नहीं हुआ है, वहां भी अभिलेख आदि प्राप्त कर आगे की तैयारी करेंगे.

बारी-बारी से उपस्थित होंगे शिक्षक

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने गुरुवार को आदेश जारी किया है. इसमें कहा है कि प्राथमिक स्कूलों में जहां दो शिक्षक हैं, वहां बारी-बारी से शिक्षक स्कूल में उपस्थित रहेंगे. जहां दो से ज्यादा शिक्षक पदस्थापित हैं , वह प्रतिदिन बारी-बारी से 33 फीसदी तक उपस्थित रहेंगे.

मध्य विद्यालय माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संदर्भ में प्रिंसिपल या प्रभारी प्रिंसिपल प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे. बाकी शिक्षक या शिक्षकेतर कर्मी प्रतिदिन बारी-बारी से 33 फीसदी ही उपस्थित रहेंगे. इसके अलावा उन्होंने साफ किया है कि विश्वविद्यालय- महाविद्यालय में सह प्राध्यापक, प्राध्यापक और उनके समकक्ष अथवा ऊपर के सभी पदाधिकारी प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे. इन पदों से नीचे के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी बारी -बारी से प्रतिदिन 33 फीसदी ही उपस्थित रहेंगे.

Posted by Ashish Jha

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