Corona Impact : बिहार में मेडिकल उपकरणों की 80 प्रतिशत तक बढ़ी मांग, दोगुने दाम पर बिक रही दवाई

कोरोना काल में स्वास्थ्य को लेकर आम लोगों में काफी जागरूकता बढ़ी है. यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों में पल्स ऑक्सीमीटर, नेबोलाइजर व पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग 80 फीसदी से भी अधिक बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 22, 2021 9:57 AM

पटना. कोरोना काल में स्वास्थ्य को लेकर आम लोगों में काफी जागरूकता बढ़ी है. यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों में पल्स ऑक्सीमीटर, नेबोलाइजर व पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलिंडर की मांग 80 फीसदी से भी अधिक बढ़ गयी है. जहां पहले लोग अपने घरों में थर्मामीटर व एक छोटा फर्स्ट एड बॉक्स, जिसमें कुछ कॉमन दवाएं होती थी, से ही काम चला लेते थे. आजकल लोग सांसों का भी हिसाब-किताब रखने के लिए उपकरण खरीदने को मजबूर हो गये हैं.

बुजुर्गों की सुरक्षा के मद्देनजर बीपी व शूगर घर पर ही जांचने के लिये मशीन खरीद रहे हैं. सर्जिकल आइटम बेचने वाले होलसेल दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले कोरोना की दूसरी लहर में इन उपकरणों की मांग इस कदर बढ़ी है कि लोगों को उनके डिमांड के हिसाब से सप्लाइ देना मुश्किल हो रहा है.

एक दुकानदार ने बताया कि पहले जहां 10 पीस ऑक्सीमीटर की मांग थी, आज 90 पीस की मांग है. वहीं, शहर की कई ऐसी दवा दुकानें हैं, जहां पल्स ऑक्सीमीटर व नेबोलाइजर आउट ऑफ स्टॉक हो गये हैं. हर रोज एक दुकानदार को 50 से 100 लोगों को उपकरण नहीं होने की वजह से लौटाना पड़ रहा है.

रेट में कितने का आया अंतर

प्रोडक्ट पहले अब

  • नॉर्मल पल्स ऑक्सीमीटर 300-400 700-800

  • ब्रांडेड पल्स ऑक्सीमीटर 1200-1800 1500-3000

  • नेबोलाइजर 800-1000 1200-2000

  • पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलिंडर 3000-4000 7000-10,000

  • ऑक्सीजन सिलिंडर 10 लीटर 4500-5000 10,000 से अधिक

मल्टीविटामिन दवाओं की मांग 80 गुना से अधिक बढ़ी

कोरोना वायरस में कारगर इंजेक्शन और मल्टीविटामिन दवाओं की बाजार में काफी कमी है. खासकर इम्युनिटी बढ़ाने वाली विटामिन सी दवाओं की मांग 80 गुणा से अधिक बढ़ जाने के कारण मार्केट में इसकी किल्लत होनी शुरू हो गयी है. छोटी दवा दुकानों पर विटामिन सी की दवा नहीं मिल रही है. इसके कारण आम लोग काफी परेशान हैं.

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन सी दवाएं लिमसी, सेलिन आदि की मांग अचानक काफी बढ़ गयी है. मांग में अचानक आये इजाफे के कारण दवा कंपनियों ने इन दवाओं के दाम भी 15 फीसदी तक बढ़ा दिये हैं, जिससे मार्केट में ये दवाएं महंगी हो गयी हैं. हालांकि जीएम रोड के दवा स्टॉकिस्टों का दावा है कि विटामिन सी दवाओं की बाजार में कमी नहीं है.

थोक दवा विक्रेताओं की मानें, तो खुदरा दुकानदारों को एक दिन में तीन-चार डिब्बे ही दवाइयां दी जा रही हैं, ताकि सभी को दवा उपलब्‍ध हो सके. बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के परसन कुमार सिंह का कहना है कि मल्टीविटामिन दवाओं की मांग में 70-80 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. मांग बढ़ने से कंपनियों ने दाम भी बढ़ा दिये हैं. उन्‍होंने कहा कि दवाओं की बाजार में कमी नहीं है. कालाबाजारी न हो, इस पर एसोसिएशन नजर रख रहा है.

Posted by Ashish Jha

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